कोलकाता, दुर्गा पूजा से ठीक पहले एक बार फिर पश्चिम बंगाल में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शुक्रवार को दामोदर वैली रेज़र्वॉयर रेगुलेशन कमिटी (डीवीवीआरसी) के निर्देश पर दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने माईथन और पनचेत जलाशय से कुल 49 हजार 451 क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे राज्य में आपदा की आशंका बढ़ गई है।
राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, “पूजा के समय पर इस तरह पानी छोड़कर बंगाल को संकट में डालना चाह रहा है डीवीसी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार आपत्ति जताई है, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है।”
झारखंड के तेनुघाट बांध से भी भारी बारिश के कारण पानी छोड़ा गया है, जो धीरे-धीरे पनचेत की ओर बढ़ रहा है। डीवीसी अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को माईथन से 24 हजार और पनचेत से 26 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। माईथन बांध में जलस्तर 481.63 फीट और पनचेत में 410.01 फीट तक पहुंच चुका है, जो खतरनाक माने जाते हैं।
डीवीसी ने स्पष्ट किया कि पानी छोड़ने की सूचना हर बार की तरह इस बार भी पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों को दी गई है। डीवीवीआरसी के सदस्य सचिव संजीव कुमार ने कहा, “हमारे पास जो मौसम विभाग की जानकारी है, उसके अनुसार महालया के दिन बारिश होगी और पूजा के समय भी निम्नचाप के कारण भारी वर्षा की आशंका है। इसीलिए स्थिति को ध्यान में रखकर ही जल छोड़ने का निर्णय लिया गया।”
पिछले वर्ष भी 17 और 18 सितम्बर को डीवीसी ने ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था, जिससे बंगाल के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई थी।
सिंचाई मंत्री भुइयां ने आरोप लगाया कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल की संयुक्त बैठक में डीवीसी को ऐसा कदम न उठाने की सलाह दी गई थी, फिर भी इसे नजरअंदाज कर पानी छोड़ा गया। इस पूरे विवाद पर डीवीसी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
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