प्रधानमंत्री ने मूर्तिकार राम सुतार के निधन पर जताया शोक

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को प्रख्यात मूर्तिकार राम सुतार के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने राम सुतार को एक असाधारण कलाकार बताते हुए कहा कि उनकी कलात्मक निपुणता ने देश को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सहित कई ऐतिहासिक स्मारक दिए हैं।

 

प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में कहा कि राम सुतार की कृतियां भारत के इतिहास, संस्कृति और सामूहिक भावना की सशक्त अभिव्यक्ति हैं, जिन्हें हमेशा सराहा जाएगा। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रीय गौरव को अमर कर दिया है और उनकी रचनाएं कलाकारों एवं आम नागरिकों को समान रूप से प्रेरित करती रहेंगी।

 

मोदी ने कहा कि राम सुतार के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। वह एक असाधारण मूर्तिकार थे, जिनकी कलात्मकता ने भारत को केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सहित कई प्रतिष्ठित स्मारक प्रदान किए। उनकी कृतियों को भारत के इतिहास, संस्कृति और सामूहिक भावना की सशक्त अभिव्यक्ति के रूप में हमेशा सराहा जाएगा। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रीय गौरव को अमर कर दिया है। राम सुतार का योगदान कला जगत में सदैव स्मरणीय रहेगा। प्रधानमंत्री ने दिवंगत कलाकार के परिवार, प्रशंसकों और उनके जीवन एवं कार्यों से प्रभावित सभी लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।

 

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के जनक माने जाने वाले प्रतिष्ठित मूर्तिकार राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंडूर गांव में हुआ था। उन्होंने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट ऐंड आर्किटेक्चर से स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। नई दिल्ली के संसद परिसर में स्थापित ध्यान मुद्रा में महात्मा गांधी और घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां उनकी बेहतरीन कृतियों में शामिल हैं।

 

राम सुतार को 1999 में पद्मश्री और 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कार महाराष्ट्र भूषण से अलंकृत किया गया था। गुजरात के केवड़िया में नर्मदा नदी के पास स्थापित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रथम उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 182 मीटर है। यह भारत की एकता का प्रतीक है।

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