सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की बहुमत के साथ वापसी की उम्मीद और चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद शेयर बाजार में हुई रैली के बाद गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है।

गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग को बढ़ाकर ”ओवरवेट” कर दिया है। पिछले साल अगस्त में गोल्डमैन सैक्स ने नियर टर्म में जोखिमों का हवाला देते हुए रेटिंग को कम कर ”मार्केटवेट” कर दिया था।
पाकिस्तान के साथ तनाव कम होने के बाद स्थायी और स्थिर सरकार को लेकर निवेशकों ने भारतीय बाजार पर दांव लगाना शुरू कर दिया है।
फरवरी महीने में भारतीय शेयर बाजार में 2.42 अरब डॉलर का विदेशी पूंजी आया, जो पिछले 15 महीनों में सबसे अधिक है। 2018 में भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों ने कुल 4.4 अरब डॉलर की निकासी की थी, जिसके बाद हुए इस बड़े निवेश से बाजार को ताकत मिली है।
एजेंसी ने इसके साथ ही सरकारी बैंक और ऑटो सेक्टर की रेटिंग को बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। वहीं टेक्नोलॉजी, मेटल्स और नॉन बैंकिंग फाइनैंशियल सेक्टर की रेटिंग को घटाकर ”अंडरवेट” कर दिया है।
मार्गन स्टैनली भी जता चुका है तेजी का अनुमान
मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में सेंसेक्स के 42,000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई है। 29 अगस्त 2018 को सेंसेक्स 38,989.65 के स्तर को छूने में सफल रहा था, जो अब तक का ऊच्चतम स्तर है। इसके बाद से सेंसेक्स में करीब 6 फीसद तक की गिरावट आई है।
शेयर बाजार की संभावन को लेकर एजेंसी ने तीन तरह के अनुमान लगाए हैं।
1.सामान्य स्थिति में, दिसंबर 2019 तक बंबई स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स, सेंसेक्स 42,000 तक जा सकता है। इसकी संभावना 50 फीसद है।
2.अगर बाजार में बुल रन की शुरुआत हुई, तो बाजार साल के अंत तक 47,000 के स्तर को छू सकता है। इसकी संभावना 30 फीसद है।
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