पिछले कई दिनों से स्कूली किताबों में लगातार हो रहे बदलाव में अब एक और बदलाव किया जायेगा. बताया जा रहा है कि, अब केंद्र सरकार ने धार्मिक किताबों को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया है. वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का कहना है कि ऐसा करने से छात्रों के बीच धार्मिक सहनशीलता को बढ़ावा मिल सकेगा.
खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि, मेनका हाल ही में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) की65 वीं बैठक में शामिल हुई थी जिसमे उन्होंने यह सुझाव दिए है. इसके अलावा बैठक में ओड़िशा के शिक्षा मंत्री बद्री नारायण पात्रा भी मौजूद थे जिन्होंने भी अपने सुझाव दिए. उनका कहना है कि, ऐसा करने से धार्मिक सहनशीलता और देशभक्ति की भावना को और भी मजबूती मिल सकेंगी.
बैठक के दौरान ये भी कहा गया कि, स्कूलों में मध्याह्न भोजन में शाकाहारी भोजन दिया जाए. इन सबके अलावा ये सुझाव भी दिया कि, अब स्कूल में हाजिरी के दौरान छात्रों को ‘यस’ की जगह जय हिंद कहने का निर्देश दिया जाए. वहीं एनसीईआरटी के सिलेबस को नए तरीके से बनाया जाये. जिससे मूल्य एवं संस्कृति आधारित शिक्षा सुनिश्चित की जा सके. ख़ास बात यह है कि, ये सभी बदलाव बच्चों में एक बेहतर सोच और प्रेरणा का स्त्रोत है जो उनके भविष्य को और मजबूत बनाने में साबित होंगे.
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal