योगी सरकार ने पेश किया 5,50,270 करोड़ का बजट, समग्र व समावेशी विकास पर जोर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिये राज्य विधानसभा में 5,50,270.78 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट का आकार पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 37,410 करोड़ रुपये ज्यादा है। प्रदेश के पहले ‘पेपरलेस’ बजट के तहत सभी सदस्यों को भी टैबलेट पर बजट दस्तावेज उपलब्ध कराया गया। यह प्रदेश की योगी सरकार का पांचवां बजट है। इस बजट में 27,598.40 करोड़ रुपये की नयी योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने टैबलेट के जरिये 5,50,270.78 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बजट में 90,729.80 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.17 प्रतिशत है। बजट में 5,06,181.84 की कुल प्राप्तियां का अनुमान लगाया गया है। इनमें कुल 4,18,340.44 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां और 87,841.40 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। बजट में कुल 5,50,270.78 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है।
वित्त मंत्री खन्ना ने अपने भाषण में शेरो-शायरी का भी प्रयोग करते हुए कहा कि ‘यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है।’ अपने बजट भाषण में उन्होंनेे कहा कि लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण सरकार की राजस्व प्राप्तियां प्रभावित रहीं, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने प्रभावी वित्तीय अनुशासन लागू किया। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का प्रवाह बना रहा तथा सार्थक कोशिशों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है। कोरोना काल में सरकार ने 40 लाख प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया। इतना ही नहीं कोटा में फंसे 12 हजार छात्रों को वापस लेकर आए। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट प्रदेश के समग्र एवं समावेशी विकास के द्वारा प्रदेश के विभिन्न वर्गों का स्वावलंबन कर उनके सशक्तिकरण को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों पर सरकारी संपत्तियां बड़े पैमाने पर निष्प्रयोज्य हो गयी थीं। हमारी सरकार ने इसे संज्ञान लेते हुए ऐसी संपत्तियों को पुनर्जीवित करते हुए क्लस्टर स्थापित कराए जाने का निर्णय लिया है। कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें उन्नत तकनीक का प्रशिक्षण एवं मुफ्त पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए सरकार 700 करोड़ का बजट प्रावधान किया है। वहीं फसली ऋण के लिए 400 करोड़ तथा मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना के लिए 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण कार्यक्रमों से उन्हें सशक्त किया गया है। सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना सुनिश्चित कराया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों को 1,23,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के रिकॉर्ड गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। सरकार ने किसानों के लिये 15 हजार सोलर पंप की स्थापना का लक्ष्य तय किया है।
वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि अयोध्या में निर्माणाधीन हवाई अड्डे का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर रखा जाएगा। इसके लिये 101 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के इस ऐलान पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया और सदन में ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाये गये। वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्य किए गए हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि हर अपराधी सलाखों के पीछे होगा। सरकार लोगों की जीवन स्तर में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। हर घर जल, हर घर बिजली, हर गांव में सड़क और हर गांव में बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि 2021-22 बजट में प्रदेश के युवाओं की शिक्षा, कौशल संवर्धन, रोजगार के साथ-साथ प्रदेश की जनता को मूलभूत सुविधाओं और त्वरित न्याय उपलब्ध करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल का आधुनिकरण होगा और प्रदेश अपराध मुक्त होगा। आरोग्य जल योजना के लिए बजट में 22 करोड तथा स्वच्छता के लिए 2031 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। जलजीवन मिशन के लिए 15 हजार करोड़ की व्यवस्था की गयी है। महिलाओं को सक्षम बनाने के उद्देष्य से महिला सामथ्र्य योजना के नाम से नयी योजना का ऐलान करते हुए इसके लिए 200 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को और भी मजबूती देते हुए प्रदेश सरकार ने इसके तहत प्रदेश की सभी पात्र बेटियों को टैबलेट उपलब्ध कराने के लिए 1200 करोड़ रुपए की राशि की व्यवस्था की है। प्रदेश की महिलाओं व बच्चों को कुपोषण का शिकार न होना पड़े इसके लिए ‘मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण’ योजना की शुरूआत वित्तीय वर्ष से की जाएगी। इसके तहत 100 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही पुष्टाहार कार्यक्रम के लिए 4094 करोड़ रुपए व राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए 415 करोड़ रुपए की राशि की व्यवस्था बजट में की गई है। इसके साथ ही प्रदेश में महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना के लिए 32 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। जिससे प्रदेश की महिलाएं व बेटियां सशक्त व निर्भिक बन सकें।
सरकार ने कलाकारों और लेखकों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश के उन प्रतिष्ठित लेखकों और कलाकारों को ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान’ से सम्मानित करने का फैसला किया है, जिन्हें अब तक प्रदेश में किसी अन्य पुरस्कारों से नहीं नवाजा गया है। इस योजना के तहत, हर वर्ष देश और विदेश में यूपी का मान बढ़ाने वाले पांच उत्कृष्ट लेखकों और कलाकारों को 11 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किए जाने की योजना है। बजट में राज्य के हर मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा प्रदेश के 170 शासकीय डिग्री कॉलेज की सूरत भी बदलने की योजना है। बजट में राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण कार्य के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को टैबलेट दिए जाएंगे। इससे छात्र वर्चुअल क्लास का फायदा भी ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के लिए बजट में 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी मकसद से मुख्यमंत्री स्वारोजगार योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान के लिए बजट में 30 करोड़ की व्यवस्था की गई है। स्थानीय स्तर पर सबसे कम पूंजी, बुनियादी सुविधा और न्यूनतम जोखिम में सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराने वाले खादी एवं ग्रामोद्योग के तहत मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत सामान्य महिला एवं आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों को 10 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण और सामान्य वर्ग के पुरुषों के लिए चार फीसदी सालाना ब्याज पर बैंकों से ऋण मुहैया कराएगी। वस्त्रों उद्योग के जरिए 25 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। पॉवरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली देने का प्रावधान भी बजट में है। उप्र स्टेट स्पिनिंग कंपनी की बंद पड़ी कताई मिलों की परिसंपतियों के उपयोग का भी प्रावधान बजट में किया गया है। इनमें पीपीपी मॉडल से औद्योगिक पार्क, इंडस्ट्रीयल इस्टेट, कल्स्टर बनाए जाएंगे। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 1492 करोड़ रुपये तो वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1107 करोड़ रुपये रुपए का प्रावधान किया गया है। गोरखपुर एक्सप्रेस-वे के लिए 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ पूर्वांचल की विकास योजनाओं के लिए तीन सौ करोड़ का प्रावधान किया गया। बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिए 210 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। इसके साथ ही गंगा एक्सप्रेस वे का भी वित्त मंत्री ने ऐलान किया। इसकी जमीन के अधिग्रहण के लिए 7200 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2021-2022 से शहरी स्थानीय निकायों में घरेलू नल कनेक्शन के साथ सर्व सुलभ जल आपूर्ति और अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के लिए दो हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। मुख्यमंत्री आरओ पेजयल योजना के लिए 22 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।

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