CM योगी आदित्यनाथ बोले- एयर कनेक्टिविटी को मिल रही नई उड़ान, रन-वे पर 30 वर्ष से लंबित काम

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्राउंड व वॉटर के साथ एयर कनेक्टिविटी पर बड़ा काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने 30 वर्ष से लंबित पड़े जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के काम को रन-वे पर ला दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में शीर्ष अधिकारियों ने सीएम के सरकारी आवास पर सोमवार को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश के साथ देश के हित में हमने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। यह काम बीते 30 वर्ष से लंबित पड़ा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट का काम तेजी से हो रहा है। इसकी प्रगति को लेकर हम समय-समय पर बैठक भी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि विशाल प्रदेश में इस समय दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन हो रहा है।

लखनऊ तथा वाराणसी के बाद अब कुशीनगर को भी इंटरनेशनल फ्लाइट का लाइसेंस मिल गया है। इसके साथ जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। इसका निर्माण बीते 30 वर्ष से लंबित था। इसका निर्माण कार्य शुरू कराकर हमने मील का पत्थर हासिल किया है। हमने कैबिनेट की बैठक में जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास का अनुमोदन प्रदान किया था। इसे पीपीपी मोड में आगे बढ़ाने की सहमति भी प्रदान की गई थी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का उदाहरण है। यह कार्य पिछले 30 वर्षों से लंबित पड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण जैसे बड़ी महामारी के बावजूद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की प्रगति संतोषजनक है। जिस प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश सरकार, यमुना अथॉरिटी व इससे संबंधित सभी पक्षों ने अपने कार्यों को आगे बढ़ाया है वह प्रदेश में नई कार्य संस्कृति प्रदर्शीत करता है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण जैसे बड़ी महामारी के बावजूद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की प्रगति संतोषजनक है। जिस प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश सरकार, यमुना अथॉरिटी व इससे संबंधित सभी पक्षों ने अपने कार्यों को आगे बढ़ाया है वह प्रदेश में नई कार्य संस्कृति प्रदर्शीत करता है। कुशीनगर में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। ईस्टर्न यूपी में हमारे पास वाराणसी व कुशीनगर, 02 इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। पश्चिम में हम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 08 मार्च, 2021 से हम बरेली को भी एयर कनेक्टिविटी के साथ जोड़ रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में वाराणसी व लखनऊ में इंटरनेशनल फ्लाइट की सुविधा मौजूद है। एयरपोर्ट कनेक्टिविटी प्रदेश में तेजी से बढ़ी है। मार्च, 2017 तक में हमारे पास सिर्फ वाराणसी और लखनऊ में ही एयरपोर्ट फंक्शनल थे। इसके बाद आज आगरा, गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, आगरा व हिंडन के भी एयरपोर्ट फंक्शनल हैं। हम अयोध्या में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट का बड़ा केंद्र होगा। अयोध्या में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय बनी एयरस्ट्रिप की भी एयरपोर्ट के रूप में स्ट्रेंथनिंग की जा रही है। प्रदेश सरकार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रेल व मेट्रो आदि पब्लिक ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी को जोडऩे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट का प्रावधान समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए फोर-लेन कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के लिए ग्लोबल ई-टेंडर की प्रक्रिया में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को प्रदेश सरकार द्वारा सेलेक्टेड बिडर घोषित किया गया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिकारी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण व व्यवस्थित पुनर्वास की प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाएं। मैं एक बार फिर से इस स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट कार्यक्रम में शामिल सभी अधिकारीगणों को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश तो जल्दी ही देश में सबसे अधिक एयरपोर्ट वाला प्रदेश बनने जा रहा है। लखनऊ व वाराणसी के बाद कुशीनगर तीसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हो गया है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) का लाइसेंस मिल गया है। इसके साथ अयोध्या एयरपोर्ट को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। प्रदेश में दस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज और हिंडन एयरपोर्ट से हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं। बरेली हवाई अड्डे से भी आठ मार्च से हवाई सेवाओं की शुरुआत कर दी जाएगी। दस अन्य शहरों में एयरपोर्ट के विकास का काम तेजी से चल रहा है। इनमें रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत आजमगढ़, अलीगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट तथा सोनभद्र में एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही हवाई अड्डों को बेहतर कनेक्टिविटी और जन सुविधा के लिहाज से प्रदेश में 17 एयरपोर्ट टर्मिनल को कम से कम दो लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है।

 

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