म्यामांर में रोहिंग्या मुसलमानों पर की गई सैन्य कार्रवाई के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आइसीसी) में सुनवाई होगी। अदालत ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के पास म्यांमार के रखाइन राज्य में मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों पर सेना की कार्रवाई की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है। कोर्ट ने आगे कहा कि ये अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए इसकी सुनवाई आइसीसी में होनी चाहिए।
हेग स्थित अदालत ने आगे कहा कि आइसीसी संविधान के अनुच्छेद 5 में निर्धारित किसी भी अपराध जैसे मानव उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों के संबंध में अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है। अभियोजन पक्ष ने रोहिंग्या के खिलाफ किए गए कथित अपराधों पर प्रारंभिक तैयारी आयोजित करते समय निर्णय लेने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि म्यांमार की एक अदालत ने 3 सितंबर को समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दो पत्रकारों को सात साल की जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने रोहिंग्या संकट की कवरेज करने के दौरान गिरफ्तार किए गए समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दो पत्रकारों को ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (शासकीय गोपनीयता अधिनियम) का उल्लंघन करने का दोषी पाया था। दरअसल, पत्रकार वा लोन (32) और क्याव सोए ओ (28) रखाइन प्रांत में रोहिंग्या नरसंहार की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
बता दें कि म्यांमार की बहुसंख्यक आबादी बौद्ध है। रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में कहा जाता है कि वे मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं। सरकार ने इन्हें नागरिकता देने से इनकार कर दिया था। हालांकि ये म्यांमार में पीढ़ियों से रह रहे थे। पिछले साल अगस्त में सेना की कठोर कार्रवाई से भयभीत करीब 700,000 रोहिंग्या मुसलमानों ने सीमा पार कर पड़ोसी देश में शरण ली थी।
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