जिन्होंनें किसी आंदोलन में भाग न लिया हो वह देश की पीड़ा क्या समझेगा : कृष्णकांत पाण्डेय

जिन्होंनें किसी आंदोलन में भाग न लिया हो वह देश की पीड़ा क्या समझेगा : कृष्णकांत पाण्डेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री कृष्णकांत पाण्डेय ने एक लेख के माध्यम से बताया कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिदिवस यानी 09 अगस्त 1942 बेहद महत्वपूर्ण दिन है। आज का दिन एक ऐतिहासिक उदघोष और शंखनाद का है, गांधी जी ने सूरज का अस्त नहीं देखने वाली दुनिया की सबसे विशाल ब्रिटिश साम्राज्य की शक्तिशाली सत्ता को ललकारते हुए देश छोड़ने को सोंचने पर विवश कर दिया था। इसी दिन राष्ट्रपिता बापू ने ‘‘करो या मरो‘‘ का नारा देते हुए अंग्रेजों को ललकारते हुए ‘‘भारत छोड़ों‘‘ का संदेश भी दिया। 1857 की क्रांति के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन ऐतिहासिक उदघोष आजादी के लिये मील का पत्थर साबित हुआ, उसी समय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने हिंदी दैनिक आज अखबार के सम्पादक पंडित कमला पति त्रिपाठी को बनारस से इलाहाबाद बुलाकर कहा कि एक बड़े जनसंघर्ष के लिए अपने अखबार के माध्यम से उसके प्रसार के इलाके में जनमत बनाकर रखिए। इस आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिलाकर रख दी, कांग्रेसजनों की असंख्य कुर्बानिया दर्ज हुई। उसी वर्ष 14 जुलाई को वर्धा में कांग्रेस कार्यसमिति में आंदोलन के फैसले और रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा था, तो गांधी जी ने पूछा कि इस आंदोलन का नाम क्या होगा? इसी बीच कई लोगों ने सुझाव दिये उसी क्रम में युसुफ मेहर अली ने कहा कि ‘‘क्विट इंडिया‘‘ यही नाम तय हुआ। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, पट्टाभि सीतारमैया, अरुणा आसिफ अली, मौलाना आजाद, सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान की महत्वपूर्ण भूमिका व रणनीति इतिहास का स्वर्णिम अध्याय साबित हुआ।

श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि इसी दिन गांधी के ऐतिहासिक भाषण से हुए शंखनाद ने भारतीय स्वतंत्रता के राष्ट्रव्यापारी निर्णायक जनसंघर्ष के द्वार खोल दिये। इसी के साथ दुनिया के सबसे बड़े जनआंदोलन अगस्त क्रांति का आगाज हो गया। जब कांग्रेस वर्किंग कमेटी के लभगभ सभी सदस्य गिरफ्तार कर लिए गये तो ग्वालिया टैंक मैदान में अरूणा आसिफ अली ने तिरंगा फहराकर एक युगांतकारी क्रांति का बिगुल फूंक दिया था। जब कांग्रेस ब्रिटिश हुकूमत से निर्णायक संघर्ष कर स्वराज प्राप्त करने के लिये सड़को पर थी, उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ब्रिटिश दासता को मजबूत करने में लगा हुआ था, और क्रांतिकारीयो की धरपकड़ के लिये मुखबिरी करता था। उसी संघ की पृष्ठभूमि व वैचारिक आधार ने आज की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की ऐतिहासिक तथ्यों पर गौर करे, तो भारत छोड़ो आंदोलन के डेढ़ वर्षों बाद 1943 में ब्रिटिश राज की बॉम्बे (महाराष्ट्र व गुजरात राज्य तत्कालीन बॉम्बे प्रान्त का हिस्सा थे) सरकार ने एक मेमो में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लिखा  कि संघ ने पूरी ईमानदारी से ख़ुद को ब्रिटिश क़ानून के दायरे में रखकर उसके लिये काम किया और अपने कार्यकर्ताओ को अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन से दूर रखकर हमारी सहायता की।

श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि ख़ासतौर पर अगस्त, 1942 में भड़की आजादी की क्रांति में वो शामिल नही हुए, यही नही संघ के सभी नेताओं ने आजादी के आंदोलन का भरपूर विरोध किया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने की बात तो दूर, आरएसएस के उस समय के नेताओं-गोलवलकर, दीनदयाल उपाध्याय, बलराज मधोक, स्मरेन्दू कुंडू, मूल चन्द्र शर्मा जैसे तमाम लोगो ने इस महान मुक्ति आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि संघ अंग्रेज सरकार और सावरकर का पिछलग्गू था। ’भारत माँ को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने में कांग्रेस के योगदान को नकारने वाली भाजपा के सभी पूर्वज अंग्रेजो के दास व मुखबिर के रूप में कार्य करते रहे, भाजपा के पूर्व संस्करण भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी उस समय एकीकृत बंगाल सरकार के उप मुख्यमंत्री के रूप में अंग्रेजो के इसारे पर आजादी के मतवालों पर अपनी पुलिस से लाठिया व गोलियां चलवा रहे थे, कितनी कुर्बानिया व जेल भेजे गए, क्रांतिकारियों के बल पर प्राप्त आजादी में संघ, जनसंघ या भाजपा का योगदान मात्र इतना रहा कि वह अपने ब्रिटिश स्वामी के इसारे पर उनके लिये मुखबिरी समर्थन जुटाने तक सीमित रहा उसका स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान शून्य था यह ऐतिहासिक तथ्य है। कल अंग्रेजो ने भारत को दासता का शिकार बनाया आज उसके मुखबिरों का गिरोह भाजपा उसी की राह पर है।

श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि आज अगस्त क्रांति का शंखनाद फिर दोहराने की आवश्यकता आ पड़ी है, आज भाजपा अंग्रेजों के अधूरे कार्य को पूरा करने का लगता है बीड़ा उठा ली है इसीलिए हिन्दुस्तान का किसान, मजदूर, मजबूर, मजलूम, बेरोजगार, बुनकर, नौजवान सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है अपने को पूरी तरफ पीड़ित महसूस कर रहा है। इसीलिए कांग्रेस के ‘‘भाजपा गद्दी छोड़ो‘‘ आंदोलन से सम्पूर्ण देशवासी को जुड़ने की आवश्यकता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com