बांग्लादेश की धरती से भारत के खिलाफ नई साजिश रच रहा पाकिस्तान

ढ़ाका/कोलकाता। अस्तित्व में आने के बाद से भारत के खिलाफ निरंतर सक्रिय रहने वाला पाकिस्तान अब बांग्लादेश की धरती का इस्तेमाल कर नई साजिश रचने की फिराक में है। मिल रही जानकारी के अनुसार पाकिस्तान बांग्लादेश के भारत से लगने वाले सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय होकर भारत के खिलाफ अपने नापाक अभियान की भूमिका तैयार कर रहा है। बांग्लादेशी बुद्धिजीवियों की राय में पाकिस्तान के इस अभियान का उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों के जरिये भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना और जाली नोटों का प्रसार करना हो सकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पाकिस्तान सीमावर्ती इलाकों के जनप्रतिनिधियों को इस्लाम से संबंधित धार्मिक साहित्य भेज रहा है ताकि धर्म के आधार पर उनकी सहामुभूति अर्जित की जा सके और फिर भारत के खिलाफ अभियान में उनका इस्तेमाल किया जा सके।

हाल के दिनों में ढाका स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की तरफ से बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों के जनप्रतिनिधियों को अरबी भाषा में लिखी हुई कुछ किताबें भेजी गई हैं जिनमें कुरान शरीफ की आयतें अंकित हैं। इन किताबों में अपने मजहब के प्रति वफादार रहने की नसीहत दी गई है। इतना ही नहीं साहित्य के साथ बांग्लादेश स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त का विजिटिंग कार्ड भी भेजे जा रहे हैं ताकि यदि कोई इन किताबों को पढ़ कर मुत्तासिर हो तो सीधे पाकिस्तानी उच्चायुक्त से सम्पर्क कर सके।

हालांकि पाकिस्तान की इस तत्परता को बांग्लादेश के जनप्रतिनिधि और बुद्धिजीवी हाथों हाथ लेने से कतरा रहे है। कुछ बुद्धिजीवियों का स्पष्ट तौर पर मानना है कि पाकिस्तान की इस करतूत का उद्देश्य धर्म का इस्तेमाल कर भारत के विरुद्ध बांग्लादेश के सीमावर्ती जनप्रतिनिधियों का इस्तेमाल करना है। उनके मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया संस्था इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आई एस आई) लंबे समय से बांग्लादेश की धरती का इस्तेमाल कर भारत में जाली नोटों की तस्करी और आतंकवाद को प्रश्रय देने जैसे कारनामे करता रहा है। हालांकि शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में उस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है जिसके चलते वह अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि अब पाकिस्तान बांग्लादेश सरकार की नजर बचाकर अपनी साजिश को कामयाब बनाने में जुटा हुआ है और इसके लिए वह धर्म का सहारा लेने से भी नहीं झिझक रहा।

भारत – बांग्लादेश के पेट्रोपोल सीमा से लगे बेनापोल नगर निगम के मेयर मोहम्मद अशरफुल आलम लिटन को पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से कुछ ऐसे ही साहित्य प्राप्त हुए हैं। उन्होंने इसके पीछे पाकिस्तान के मकसद का खुलासा करते हुए हिंदुस्थान समाचार को बताया कि सीमावर्ती इलाकों में लगभग सभी गतिविधियां जनप्रतिनिधियों की देखरेख में चलाएं जाते हैं। भारत में फर्जी नोटों की तस्करी करने वालों के साथ भी कुछ जनप्रतिनिधियों के सांठगांठ होने के आरोप सामने आ चुके हैं। सातक्षीरा सीमा से लेकर लगभग सभी सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान के प्रति सहानुभति रखने वाले बांग्लादेशी इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल रहे हैं। मुझे लगता है कि धार्मिक तौर पर भावनाएं भड़का कर पाकिस्तान भारत के खिलाफ शैडो वार चलाने की साजिश रच रहा है। इसीलिए अरबी भाषा में लिखी किताबें बांटे जा रहे हैं ताकि पाकिस्तान के मकसद की किसी को भनक ना लगे।

उन्होंने बताया कि पिछले 30 अक्टूबर को उनके पास “अल्लामा विल कलाम” शीर्षक वाला अरबी भाषा में लिखा एक किताब पाकिस्तानी हाई कमिशन की ओर से भेजा गया था। इस किताब को इस तरह से तैयार किया गया है जैसे कोई भी धर्म परायण मुसलमान उसे देखते ही श्रद्धा भाव से सिर झुका दे। किताब के साथ मोबाइल नंबर सहित हाई कमिश्नर का विजिटिंग कार्ड भी भेजा गया है।

लिटन के मुताबिक पाकिस्तान चाहता है कि “मुसलमान – मुसलमान भाई भाई” का सेंटीमेंट जगा कर सीमावर्ती इलाकों के बांग्लादेशी जनप्रतिनिधियों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जाये। उन्होंने कहा कि यदि भारत और बांग्लादेश की सरकारें पाकिस्तान के इस खुफिया मिशन को लेकर सतर्क नहीं हुआ तो इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिये बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। 1971 में पाकिस्तान की ओर से बांग्लादेश में किये गये नरसंहार की याद दिलाते हुए लिटन कहते हैं – हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इन पाकिस्तानियों ने इस्लाम के नाम पर 30 लाख बंगालियों की हत्या की थी और करोड़ों लोगों पर जुल्म ढाए थे।

दूसरी तरफ बांग्लादेश के जाने-माने लेखक और वरिष्ठ पत्रकार शहरयार खान धार्मिक साहित्य वितरण को गलत नहीं मानते। उनका कहना है कि सऊदी अरब एवं ईरान जैसे देश भी कुरान शरीफ की प्रतियां बांटते रहे हैं लेकिन शहरयार यह याद दिलाना नहीं भूलते कि अन्य देशों की ओर से धार्मिक साहित्य वितरण और पाकिस्तान की ओर से ऐसे साहित्य बांटे जाने के पीछे का मकसद समान नहीं हो सकता।

बकौल शहरयार यह मुमकिन ही नहीं है कि पाकिस्तान सिर्फ मजहबी प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से ऐसा कर रहा हो। शहरयार कहते हैं कि पाकिस्तान की आईएसआई कई मकसद के साथ काम करती है। भारत में जाली नोटों के प्रसार में आई एस आई सीधे तौर पर संलिप्त रही है, यह जगजाहिर है। शहरयार याद दिलाते हैं कि किस तरह 2015 में नकली भारतीय नोटों के कारोबार में संलिप्तता उजागर होने पर बांग्लादेश स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को देश छोड़ने को बाध्य किया गया था।

शहरयार खान के मुताबिक पाकिस्तान एवं आई एस आई सिर्फ नकली नोटों का प्रसार ही नहीं करता बल्कि बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्याओं को हथियार भी मुहैया करा रहा है जो बांग्लादेश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। ऐसे में समय रहते खतरे को भांप कर उसके खिलाफ कदम उठाना जरूरी है। इस मामले में भारत और बांग्लादेश दोनों को सतर्क हो जाना चाहिये और समय रहते पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करने के लिये आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिये।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com