पहली बार देर रात खुली कोर्ट, सभी आरोपीयों को चार दिन कि रिमांड पर भेजा, रेवाड़ी सामूहिक बलात्कार मामला…

देशभर में चर्चा का विषय बने रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में महेन्द्रगढ़ कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए दोनों मुख्य आरोपियों पंकज फौजी और मनीष को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। ये पहली बार है कि इस केस की सुनवाई के लिए महेन्द्रगढ़ कोर्ट देर रात खुली और आरोपियों की रिमांड मंजूर की। पंकज सेना का जवान है, जो पीड़ित छात्रा को पहले से जानता था। उसी की वजह से छात्रा इस विभत्स घटना का शिकार हुई थी।

मालूम हो कि सामूहिक दुष्कर्म के दोनों आरोपियों को एसआइटी ने रविवार सुबह छह बजे महेन्द्रगढ़ के एक ढाबे से बरामद किया था। कानून पुलिस को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना होता है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लिखा-पढ़ी करने, पूछताछ करने और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में पुलिस को काफी वक्त लग गया। इसके बाद पुलिस दोनों आरोपियों को देर रा ड्यूटी मजिस्ट्रेट के निवास स्थान पर पेश करने के लिए लेकर पहुंची थी।

अन्य पीड़ितों से शिकायत की अपील एसपी भसीन ने अपील की कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जरूरी है कि वे अन्य पीड़िताएं भी सामने आएं जिनके साथ यह गिरोह पूर्व में घिनौनी वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीड़िताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीड़ित महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है।  डॉ. संजीव ने किया था छात्रा का प्राथमिक इलाज दुष्कर्म के दौरान छात्रा की तबितय बिगड़ने पर आरोपियों ने डॉ. संजीव को बुलाकर उसका प्राथमिक उपचार भी कराया था। बावजूद डॉ. संजीव ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को जिस कमरे में अंजाम दी गई वह दीन दयाल का था। इसलिए पुलिस ने डॉ. संजीव और दीन दयाल को भी वारदात में शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया है।  फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का अनुरोध करेगी पुलिस एसआइटी इंचार्ज नाजनीन भसीन ने बताया कि आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की, इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा।

ड्यूटी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश निमित्त सोहेल ने घर पर सुनवाई करने की जगह आरोपितों को सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश करने को कहा। इसके बाद पुलिस टीम आरोपितों को लेकर देर रात कोर्ट पहुंची। पहली बार महेन्द्रगढ़ कोर्ट देर रात खोला गया। इसके बाद सुनवाई शुरू हुई। पुलिस टीम ने आरोपियों को रिमांड पर भेजने की गुहार लगाई। अदालत ने पुलिस की गुहार को मंजूर करते हुए दोनों को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस अब 27 सितंबर को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेशी करेगी।

रिमांड के दौरान पुलिस आरोपियों से घटना और उनकी फरारी को लेकर पूछताछ करेगी। साथ ही पुलिस घटना से संबंधित सुबुत एकत्र करने का प्रयास करेगी। मालूम हो कि आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए फरारी के दौरान अपने मोबाइल फोन गड्ढ़ा खोदकर मिट्टी में दबा दिए थे। पुलिस आरोपियों को उस ट्यूबवेल वाले कमरे पर भी लेकर जाएगी, जहां सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस आरोपियों से उनके द्वारा पूर्व में की गई इस तरह की वारदातों और उनके सहयोगियों के बारे में भी पूछताछ करेगी।

दिलदहला देनी वाले इस सामूहिक दुष्कर्म में पुलिस पहले ही एक मुख्य आरोपी निशु समेत दो अन्य आरोपियों डॉ. संजीव और दीन दयाल को गिरफ्तार कर चुकी है। निशु को 21 सितंबर को कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। वहीं डॉ. संजीव और दीन दयाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। वारदात में तीन मुख्य आरोपियों पंकज फौजी, मनीष और निशु ने छात्रा को खेत में बने ट्यूबवेल के कमरे में बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। तीनों आरोपी उसी गांव के रहने वाले हैं, जहां छात्रा रहती है।

दिलदहला देनी वाले इस सामूहिक दुष्कर्म में पुलिस पहले ही एक मुख्य आरोपी निशु समेत दो अन्य आरोपियों डॉ. संजीव और दीन दयाल को गिरफ्तार कर चुकी है। निशु को 21 सितंबर को कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। वहीं डॉ. संजीव और दीन दयाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। वारदात में तीन मुख्य आरोपियों पंकज फौजी, मनीष और निशु ने छात्रा को खेत में बने ट्यूबवेल के कमरे में बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। तीनों आरोपी उसी गांव के रहने वाले हैं, जहां छात्रा रहती है।

पहले भी कईयों से किया है सामूहिक दुष्कर्म
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को एसआइटी प्रमुख व नूंह की एसपी नाजनीन भसीन ने बताया था कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा संगठित अपराध की बात सामने आयी है। तीनों मुख्य आरोपी पहले भी कईयों से सामूहिक दुष्कर्म कर चुके हैं। इन सभी वारदातों को ट्यूबवेल वाले उसी कमरे पर अंजाम दिया गया था, जहां छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। ट्यूबलेस मालिक दीन दयाल को उसके कमरे पर होने वाली इन आपराधिक वारदातों की शुरू से जानकारी थी। इस वजह से वह भी घटना में शामिल है।

अन्य पीड़ितों से शिकायत की अपील
एसपी भसीन ने अपील की कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जरूरी है कि वे अन्य पीड़िताएं भी सामने आएं जिनके साथ यह गिरोह पूर्व में घिनौनी वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीड़िताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीड़ित महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है।

डॉ. संजीव ने किया था छात्रा का प्राथमिक इलाज
दुष्कर्म के दौरान छात्रा की तबितय बिगड़ने पर आरोपियों ने डॉ. संजीव को बुलाकर उसका प्राथमिक उपचार भी कराया था। बावजूद डॉ. संजीव ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को जिस कमरे में अंजाम दी गई वह दीन दयाल का था। इसलिए पुलिस ने डॉ. संजीव और दीन दयाल को भी वारदात में शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का अनुरोध करेगी पुलिस
एसआइटी इंचार्ज नाजनीन भसीन ने बताया कि आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की, इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा।

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