रिश्तों में तल्खी और आपसी तनाव के चलते भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्रियों की न्यूयॉर्क में द्विपक्षी मुलाकात मेज पर तो नहीं लेकिन दोपहर भोज के दस्तरख्वान के साथ ज़रूर रूबरू होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिए पर दोनों नेताओं का पहला आमना-सामना 27 सितंबर की होगा जब दक्षिण एशियाई देशों के विदेशमंत्री निर्धारित परम्परा के अनुसार मुलाकात करेंगे.
इस बीच भरत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, दोनों बीते 48 घण्टे से न्यूयॉर्क में हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ की कई बैठकों में शिरकत भी कर रहे हैं. मगर दोनों नेताओं का अभी तक आमना-सामना नहीं हुआ है.

भारतीय उच्च पदस्थ अधिकारियों के मुताबिक न्यूयॉर्क के वेस्टिन होटल में सभी सार्क मुल्कों के विदेशमंत्री मुलाकत करेंगे. यह एक अनौपचारिक बैठक है इसलिए इसका कोई एजेंडा तय नहीं है. लिहाज़ा नेता अपनी सुविधा और प्राथमिकता के अनुसार मुद्दे उठाते सकते हैं.
आतंकवाद के मुद्दे पर अफगानिस्तान, बांग्लादेश पड़ोसियों की नाराजगी के चलते पाकिस्तान 2016 में सार्क की मेजबानी नहीं कर पाया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार सार्क की मेजबानी को लेकर दबाव बना रहा है. वहीं भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि फिलहाल ऐसी क्षेत्रीय बैठक के लिए माहौल ठीक नहीं है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी के नाम लिखी चिट्ठी में विदेश मंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव रखने के साथ साथ सार्क शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में कराए जाने की बात भी कही थी. हालांकि नाटकीय घटनाक्रम में भरत ने जहां पहले विदेशमंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था.
वहीं महज़ 24 घण्टे के भीतर भारत का इकरार इनकार में बदल गया. इसकी वजह भी आतंकवाद बन गया. खासतौर पर पाकिस्तान में जिस तरह बुरहान वानी जैसे आतंकी का महिमामंडन करते हुए डाक टिकट जारी किए गए.. साथ ही एक बीएसएफ जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन पुलिसकर्मीयों की नृशंस हत्या का हवाला देते न्यूयॉर्क में होने वाली वार्ता रद्द कर दी हुई.
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