आईआईटी, एनआईटी के छात्रों को भा रही मुख्यमंत्री फेलोशिप स्कीम

  • मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत बड़ी संख्या में प्रतिष्ठित संस्थानों के रिसर्च स्कॉलर ने भी किया है आवेदन
  • कुल 26 हजार 684 शोधार्थियों ने योजना के लिए किया है आवेदन, 24 अगस्त थी आवेदन की अंतिम तिथि
  • प्राप्त आवेदनों का वरिष्ठ अधिकारियों की समिति कर रही है मूल्यांकन, 300 से 400 आवेदकों का साक्षात्कार के लिए होगा चयन
  • -100 आवेदकों का होगा अंतिम रूप से चयन, चयनित छात्रों को मिलेगा 30 हजार रुपए वेतन और अन्य सुविधाएं

लखनऊ । युवा रिसर्च स्कॉलर के अनुभव, उनके जोश और नए-नए विचारों का लाभ लेने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को प्रदेश में जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस महत्वाकांक्षी योजाना से जुड़ने के लिए प्रदेश के 26 हजार से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है। खास बात ये है कि आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र भी इस योजना के तहत सरकार के साथ जुड़कर विकास खंड स्तर पर काम करना चाहते हैं। बड़ी संख्या में इन संस्थानों के शोधार्थियों ने भी मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना में आवेदन किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में युवाओं के लिए इस योजना की शुरुआत की थी, जिसमें आवेदन की आखिरी तिथि 24 अगस्त रखी गई थी। इसके लिए सरकार के नियोजन विभाग की ओर से अलग से एक वेबसाइट का लिंक भी साझा किया गया था, जिसके जरिए युवा शोधार्थियों ने सरकार की इस योजना से जुड़ने के लिए आवेदन किया है।

300 से 400 लोगों का दूसरे चरण के लिए होगा चयन

उत्तर प्रदेश नियोजन विभाग के सचिव आलोक कुमार के अनुसार, मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत कुल 26 हजार 684 शोधार्थियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की टीम इन सभी आवेदनों को स्क्रूटनी कर रही है। स्क्रूटनी के जरिए 300 से 400 के बीच शोधार्थियों का चयन किया जाएगा, जिन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। इनमें से 100 लोगों को अंतिम रूप से चयनित किया जाएगा। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन लोगों के आवेदन नियोजन विभाग को प्राप्त हुए हैं उनमें बड़ी संख्या में पीएचडी होल्डर, एमटेक और एम-आर्क जैसी उच्च योग्यता हासिल कर चुके शोधार्थी भी शामिल हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यों को मिलेगा बढ़ावा

गत दिनों ही उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत  ऐसे युवा नियुक्त किए जाएंगे जोकि अपनी फेलोशिप में रिसर्च भी करें और आकांक्षी विकासखंड ब्लॉक के लिए कार्यरत भी रहें। इस योजना के माध्यम से उन 100 रिसर्च स्कॉलर को चुना जाएगा, जोकि ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ा सकें और कई ऐसे सुझाव भी प्रदान कर सकें जिससे डाटा कलेक्शन निगरानी और योजनाओं के संचालन में आने वाली चुनौतियों को व्यवस्थित रूप से निपटाया जा सके। आवेदन के लिए नियम व शर्तों के मुताबिक सभी आवेदकों को 500 शब्दों का एक कवर लेटर भी अपलोड करना था। इसमें उन्हें अपना उद्देश्य बताना था कि वो कैसे ग्रामीण इलाकों में कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकते हैं और सरकार के कार्यों को प्रभावी तरीके से लागू करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

शोधार्थियों को मिलेंगे ये फायदे

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के द्वारा युवा अभ्यर्थियों को प्रतिमाह 30,000 रुपए प्रदान किए जाएंगे जिसके द्वारा वह अपने फेलोशिप रिसर्च को भी पूर्ण कर सकेंगे और इसके साथ ही साथ उन्हें 10 हजार रुपए टूर प्रोग्राम और 15 हजार रुपए मोबाइल, टैबलेट की खरीद के लिए भी दिया जाएगा। जो युवा इस योजना के अंतर्गत नियुक्त होंगे उन्हें 1 साल तक इस योजना में जोड़ा जाएगा और उसके कार्य की यदि सराहना जिला अधिकारी या फिर विकास खंड अधिकारी के द्वारा की जाती है तो उसकी कार्य अवधि को 1 वर्ष के लिए और बढ़ा भी दिया जाएगा।

इन विभागों में कार्य करने का मिलेगा अवसर

  • कृषि क्षेत्र
  • ग्रामीण विकास क्षेत्र
  • पंचायती राज क्षेत्र
  • वन, पर्यावरण और जलवायु का क्षेत्र
  • शिक्षा क्षेत्र
  • स्वास्थ्य एवं स्वच्छता क्षेत्र
  • पोषण कौशल क्षेत्र
  • ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा
  • पर्यटन का क्षेत्र
  • सांस्कृतिक विरासत शहर
  • एआई, बायोटेक, एमएल, डेटा गवर्नेंस विमोचित अनुसंधान के क्षेत्र
  • बैंकिंग, वित्त और राजस्व क्षेत्र
  • सार्वजनिक नीति का क्षेत्र

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