अपने पूर्वजों और अपनी विरासत के सम्मान से ही भारत बनेगा विकसित राष्ट्र: सीएम योगी

  • सीएम योगी ने बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण
  • बोले योगी- विकृत ताकतों ने गाजीपुर की पहचान को धूमिल किया था
  • सीएम योगी ने कहा- राम राज्य की स्थापना का शंखनाद हमारे पूज्य ऋषियों और मुनियों ने किया था

गाजीपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पीजी कॉलेज गोराबाजार में गाजीपुर के ‘मदन मोहन मालवीय’ कहे जाने वाले बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाबू राजेश्वर सिंह ने अपनी विरासत का सम्मान करते हुए इस जिले को अपने अतीत के साथ जोड़ने का कार्य किया था। अपने पूर्वजों और अपनी विरासत के सम्मान से ही भारत विकसित राष्ट्र बनेगा। सीएम योगी ने कहा कि हमारा सनातन धर्म हमें यही सिखाता है कि हमारे लिए जिन्होंने ने कुछ किया है उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करें।

सीएम योगी ने कहा कि गाजीपुर जनपद का अतीत गौरवशाली है। महर्षि विश्वामित्र के पिता की राजधानी हुआ करता था। भारत के इतिहास को बनाने वाला जनपद, भारत और आर्यावर्त्त से राक्षसों का समूल नाश करने वाला जनपद है। सीता स्वंयम्बर में अयोध्या को निमंत्रण नहीं था। राम और लक्ष्मण को ले जाने का माध्यम महर्षि विश्वामित्र माध्यम बने थे। उन्होंने आर्यावर्त की दो ताकतों को जोड़ा, क्योंकि वह जानते थे कि रावण के राक्षस अगर बक्सर तक पहुंच चुके हैं तो आर्यावर्त खतरे में है। उन्होंने कहा कि राम राज्य की स्थापना का शंखनाद हमारे पूज्य ऋषियों और मुनियों ने किया था। विरासत के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां के विश्विद्यालय का नाम महर्षि विश्वामित्र के नाम पर किया। वहीं एक हजार वर्ष पहले विदेशी ताकतों से लड़ने वाले महाराज सुहेलदेव के नाम पर हमने आजमगढ़ में मेडिकल कॉलेज का नाम रखा है।

बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह संयोग ही है कि गाजीपुर का यह महाविद्यालय पहले गोरखपुर विश्विद्यालय से सम्बद्ध था और गोरक्षपीठ के दोनों महाविद्यालय भी उससे जुड़े थे। इस वजह से बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह से हम लोगों के आत्मीय सम्बंध थे। उन्होंने कहा कि बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह देश और दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में क्या कुछ नया हो रहा था उसको यहां के पीजी कॉलेज में लाकर स्थापित करते थे। उसके बाद जब भी वह गोरखपुर आते थे तो हम लोगों को बताते थे कि इसे अपने यहां लागू कर लीजिए बच्चों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक समय गाजीपुर और आजमगढ़ जैसे जनपदों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था। विकृत ताकतों ने यहां की पहचान को धूमिल कर दिया था। उस मुश्किल के समय में भी गाजीपुर में राजेश्वर जी जैसे लोगों ने समाज सेवा की और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई।

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबके सामने कुछ लक्ष्य रखे हैं और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। कोविड के दौरान जब हम जीवन और जीविका बचा रहे थे तब प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की और ये धरती इसके अभिनव प्रयोग की भूमि बन सकती है। हमें व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान से सक्षम युवा देश और दुनिया में पहुचाने हैं। उन्होंने कहा कि हमारी छप्पन फीसदी आबादी कामकाजी है। हमारे पास सबसे अच्छा युवा है जो अपनी प्रतिभा और ऊर्जा से पूरे देश को गौरवान्वित करता है और उसी युवा के लिए आज हम काम कर रहे हैं। हमारी सरकार अब तक हम 15 लाख युवाओं को टैब्लेट और स्मार्टफोन दे चुकी और अगले पांच वर्ष में 2 करोड़ नौजवानों को हम टैब्लेट देंगे।

दिव्यांगजनों का जाना हाल

जनसभा को सम्बोधित करने से पहले सीएम योगी

पीजी कॉलेज गोराबाजार के सभागार पहुंचे, जहां उन्होंने दिव्यांगजनों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। साथ ही सीएम योगी ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को स्मार्ट केन (छड़ी), हियरिंग एड, ट्राइसाइकिल और व्हीलचेयर वितरित की। इसके बाद उन्होंने मंच पर ही राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चेक/किट का वितरण किया।

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