अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि ईरान के साथ जो भी देश व्यापार करेगा, उसे अमेरिकी बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम से अलग कर दिया जाएगा. अमेरिका उम्मीद करता है कि भारत सहित सभी देश ईरान से तेल का आयात खत्म कर देंगे. दूसरी तरफ, ईरान पर चार नवंबर से लगने जा रहे अमेरिका के कड़े प्रतिबंध लागू होने के बाद भारत में तेल के आयात की जरुरत को अमेरिका समझता है. अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि इसकी वैकल्पिक आपूर्ति तय करने के लिए बातचीत की जा रही है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर नहीं पड़े.

बता दें कि इस साल की शुरुआत में अमेरिका 2015 के ईरान परमाणु संधि से पीछे हट गया था और ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे. पहले दौर का प्रतिबंध पहले से ही प्रभावी है और चार नवंबर से यह प्रतिबंध पूरी तरह से लागू हो जाएगा.
यहां गौर करने लायक बात यह है कि इस प्रतिबंध पर संयुक्त राष्ट्र की मुहर नहीं लगी है. भारत की यह पारंपरिक नीति रही है कि वह सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर ही अमल करता है. ईरान से तेल का आयात करने वाले देशों में से एक भारत ने पहले ही ईरान से तेल का आयात कम कर दिया है, लेकिन ऐसे संकेत दिए हैं कि वह अपनी ऊर्जा जरुरतों को ध्यान में रखते हुए उसे पूरी तरह से खत्म नहीं करेगा.
ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशिया रीजन की मुख्य उप- सहायक सचिव ने जानकारी दी, ‘अमेरिका अपने सभी मित्रों और सहयोगियों के साथ प्रतिबंध लागू होने पर चर्चा कर रहा है. हम भारत के तेल आयात की जरुरत को समझते हैं. इस चर्चा का हिस्सा भारत को तेल की वैकल्पिक आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर न पड़े
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