बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की तरह ही उत्तर प्रदेश में 5 और क्लस्टर बना रहे हैं: सीएम योगी

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 के प्रथम दिन के अंतिम सत्र को संबोधित किया
  • सीएम योगी ने कहा- पूरी प्रतिबद्धता के साथ सहकारिता और डेयरी सेक्टर को आगे बढ़ाएगा यूपी

ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ के विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 के प्रथम दिन के अंतिम सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरी मजबूती और प्रतिबद्धता के साथ सहकारिता और डेयरी सेक्टर को आगे बढ़ाएगा। सीएम योगी ने कहा कि हम बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की तरह ही उत्तर प्रदेश में 5 और क्लस्टर बना रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में अनंत संभवनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार ने प्रदेश के अंदर रोजगार सृजन और ग्रामीण क्षेत्र में स्वावलंबन के लिए एक नया आंदोलन खड़ा करने के लिए सहकारिता और डेयरी सेक्टर को साथ में लेकर आगे बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।

सीएम योगी ने कहा कि हम अपने अगले 5 वर्ष में हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। सहकारिता और डेयरी सेक्टर इसमें बहुत सहायक साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के अंदर डेयरी न्यूट्रिशन ही नहीं बल्कि संपूर्ण पोषण का आधार और आहार है। इस व्यवस्था को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में किसी भी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए।

सीएम योगी ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड में 2019 में हमारी सरकार ने बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की स्थापना की थी। ये वहां की महिला स्वंय सेवी समूह है, जिसे भारत सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर आगे बढ़ाने का कार्य किया है। आज यह मिल्क प्रोड्यूसर बुंदेलखंड के 6 जनपदों में कार्य कर रहा है। यह  795 गांवों में अपने 41 हजार सदस्यों के साथ प्रतिदिन 1 लाख 35 हजार लीटर दुग्ध का कलेक्शन करता है। इसका वार्षिक टर्न ओवर डेढ़ सौ करोड़ रुपये हैं। वहीं 13 करोड़ रुपये इसका नेट प्रॉफिट है।

सीएम योगी ने कहा कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उत्तर प्रदेश के एनसीआर रीजन में विश्वस्तरीय इस सम्मेलन से हमें जुड़ने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के हाथों में है तो इसकी सफलता में कोई संशय नहीं रह जाता है। इसके साथ ही हमें यह भी संकल्प लेना होगा कि यह सेक्टर आत्मनिर्भर बनें।

भारत ने दुनिया दिया को-ऑपरेटिव मॉडल: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह

वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1974 से 2022 के कालखण्ड में हमारे किसानों और पशुपालकों द्वारा किये गए प्रचंड पुरुषार्थ की वजह से आज भारत विश्व में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बनकर खड़ा हुआ है।  2014 से 2022 के दौर के किये गए परिश्रम का परिणाम है कि भारत 11वें नम्बर की अर्थव्यवस्था से 5वें नम्बर का अर्थव्यवस्था बन गया है। भविष्य में हम इसी रफ्तार से चले तो बहुत जल्द हम विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकते हैं। मुझे विश्वास है कि इसके पीछे सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान होगा। सहकारिता भारत के लिए नया नहीं है करीब 120 वर्षों का इतिहास है, कई ऐसी संस्थाएं हैं जिनका इतिहास 100 वर्ष से ज्यादा का है। उन्होंने कहा कि आर्थिक व्यवस्था में दो मॉडल बताए गए हैं। पहला कम्युनिस्ट मॉडल और दूसरा मार्केटिंग मॉडल, लेकिन तीसरा मॉडल भारत ने दुनिया के सामने रखा जो सर्वमान्य हुआ और ये को-ऑपरेटिव मॉडल।

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