बेटी बचाओ व मिशन शक्ति सिर्फ खोखले नारे बनकर रह गए है : विपिन राठौर

उत्तर प्रदेश में लगातार दुष्कर्म की घटनाएं हो रहीं हैं। जहां ऐसे में सरकार के महिला सुरक्षा के दावों की पोल खुल रही हैं तो वहीं क्राइम के नाम पर उत्तर प्रदेश भी बदनाम हो रहा है। कहीं बच्ची को निशाना बनाया जा रहा है तो कहीं महिला के साथ दरिंदगी की हदें पार की जा रही हैं।

कई मामले ऐसे आये है जहां रक्षक ही भक्षक बन गए, जिन्हें महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई उन्हीं लोगों ने महिलाओं का शोषण किया। जहां एक तरफ रामपुर के भोट थानाक्षेत्र में तैनात महिला सिपाहियों ने थानाध्यक्ष पर शोषण का आरोप लगाया वहीं दूसरी तरफ बरेली के इज्जत नगर थाने में जांच के नाम पर इंस्पेक्टर ने महिला के साथ दुष्कर्म किया। ऐसे कई मामले समय-समय पर सामने आए। आप ही सोचिए जिसे सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई वहीं शोषण करने लगे तो महिलाएं सुरक्षा व न्याय के लिए जाये भी तो कहाँ ?

गोरखपुर, बहराइच, बरेली, मेरठ, बागपत, शामली हो या लखीमपुर हर जगह महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हुआ लेकिन विज्ञापनों वाली सरकार ने महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों पर रोक लगाने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया। शायद ही कोई दिन बाकी हो जिस दिन अखबारों के पन्ने महिलाओं के खून व आसुओं से गीले न हुए हो। लेकिन जिम्मेदार लोग इसे रोकने में पूरी तरह अक्षम साबित हुए हैं।

उत्तर प्रदेश में “बेटी बचाओ” व “मिशन शक्ति” जैसे कदम सिर्फ खोखले नारो तक सीमित होकर रह गए है। जिस सिस्टम ने अभी कुछ दिन पहले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए ‘मिशन शक्ति’ के नाम पर झूठे प्रचार में करोड़ों रुपए बहा दिए, वो सिस्टम जमीनी स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किस कदर उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है यह जगजाहिर है। महिला विरोधी अपराधों को रोकने के लिए राज्य सरकार को महिलाओं के प्रति अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा और संवेदनशीलता दिखानी होगी।

योगी सरकार की ओर से चुनाव के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए किये गये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। मिशन शक्ति अभियान और महिलाओं की सुरक्षा कहां हो रही है वह किसी को दिखाई नहीं दे रही। आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म और उनपर अपराधों की खबरें आ रही हैं।

सरकार को तत्काल प्रभाव में आकर महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ सख्ती से पेश आना चाहिये। जिलों में महिलाओं की सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किये जाने चाहिए। महिलाओं की सुनवाई और उनके साथ अपराध करने वालों को बक्शा नहीं जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई अभी तक दिखाई नहीं दे रही है। जिससे जनता में घोर निराशा है।

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