ऐसे विमान जिन्‍होंने कभी उड़ान न भरकर भी रच दिया इतिहास

निगत 25 सितंबर को दुनिया के पहले बोइंग 777 को सेवा से मुक्त किया गया। 24 साल के जीवनकाल में इसकी आखिरी उड़ान अमेरिका के एरिजोना स्थित एक म्यूजियम में खत्म हुई। इतिहास में पहले भी ऐसे शानदार और उन्नत विमानों का निर्माण किया गया जो अपने समय में अद्भुत और अनूठे मॉडल थे। बेजोड़ तकनीक और आलीशान सुविधाओं के चलते उन्हें भविष्य का विमान कहा गया। इनमें से कुछ विमानों ने तो आसमान की ऊंचाइयों को छुआ लेकिन कुछ आज तक उस हैंगर (विमान रखने का स्थान) में ही मौजूद हैं जहां इन्हें पहली बार रखा गया था। विमान निर्माता कंपनियों की आर्कषक योजनाओं और अनूठे मॉडल को कभी राजनीतिक, कभी वित्तीय और कभी तकनीकी बाधाओं का सामना करना पड़ा। कई मौकों पर आधुनिक तकनीक की जानकारी के अभाव में डिजाइनर ने ऐसे विमान बना बैठे जो शानदार होते हुए भी विमान संचालन की कसौटी पर खरे नहीं उतर सके। आइए जानते हैं इनके बारे में। ऐसे विमान जिन्‍होंने कभी उड़ान न भरकर भी रच दिया इतिहास

बिना उड़े बन गए इतिहास

फेयरचिल्ड डोर्नियर 728 जेईटी (2002) 70 सीटों वाला ये विमान मार्च 2002 में घरेलू यात्राओं के लिए डिजाइन किया गया था। लांच होने के बाद ही इसे एयरलाइंस से 100 ऑर्डर भी मिले। अधिक रेंज और यात्री क्षमता वाले इस कॉरपोरेट जेट विमान की पहली उड़ान योजना 2002 के मध्य तक तय हुई। पहली टेस्ट यात्रा के दो सप्ताह बाद ही इसके अमेरिकी-जर्मन निर्माता फेयरचिल्ड डोर्नियर जीएमबीएच ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। इस घटना के बाद विमान के प्रमुख ग्राहकों ने अपने आर्डर रद्द कर दिए।

एवरो कनाडा जेटलाइनर (1949)

अगस्त 1949 में टोरंटो माल्टन हवाई अड्डे से उत्तरी अमेरिका तक उड़ान भरने वाला यह पहला जेट पॉवर पैसेंजर विमान था जिससे कनाडा विमानन उद्योग को जेट यात्री विमान की प्रतिस्पर्धा में दमदार शुरुआत मिली। एवरो कनाडा ने इसे ट्रांस कनाडा एयरलाइंस (टीसीए) के लिए तैयार किया था। 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने वाला ये विमान एक बार में 644 से 804 किलोमीटर की दूरी तय करता था। इसमें 50 लोग एक साथ सफर कर सकते थे। कुछ समय बाद एयरलाइंस के विश्लेषण में सामने आया कि ये संचालन आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रहा है। मुनाफे की उम्मीद खत्म होने के बाद टीसीए की दिलचस्पी भी घटने लगी। बाद में ये सिर्फ म्यूजियम की शोभा बढ़ाने के काम आया।

ब्रेबजोन

अपने समय का सबसे बड़ा और सबसे अधिक क्षमता वाला विमान था। इसकी लंबाई 175 फुट और 230 फुट के डैने थे। इसके विंग्स में आठ इंजन लगे थे। डबल डैक ढांचे वाले ब्रेबजन विमान को 500 सीट वाले मौजूदा एयरबस ए 380 मेगाजेट विमान प्रतिद्वंद्वी के तौर पर डिजायन किया गया था। सिर्फ 100 यात्री ही सफर कर सकते थे। इस मॉडल ने सितंबर 1949 को पहली उड़ान भरी। उड़ान के बाद इसे किसी भी एयरलाइंस कंपनी से उड़ान का ऑर्डर नहीं मिला और ये हैंगर से कभी निकला ही नहीं।

सॉउंडर्स-रो प्रिंसेस (1952)

सॉउंडर्स-रो एसआर.45 प्रिंसेस अपने समय का धातु का सबसे बड़ा विमान था। इसे जेट पैसेंजर विमान के तौर पर तैयार किया गया था। प्रतिष्ठित पैन अमेरिकन वल्र्ड एयरवेज बोइंग क्लिपर की विरासत के बाद यह ब्रिटिश का समुद्री विमानों में शीर्ष पर था। इस विमान ने पहली बार अगस्त 1952 में उड़ान भरी। दस टर्बोप्रॉप इंजनों से चलने वाला यह विमान एशोआराम और सुविधाजनक सफर के लिए बनाया गया था। ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कारपोरेशन (बीओएसी) इस विमान को अपने प्रतिष्ठित रूट लंदन से न्यूयॉर्क के बीच रखना चाहती थी। पहली उड़ान के बाद ही एयरलाइंस ने असफल माना और जल्द ही जेट विमान से बदलने का फैसला कर लिया। अब इस विमान के कुछ हिस्‍से हैंगर में मौजूद हैं।

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