(शाश्वत तिवारी)। श्रीलंका सरकार के निमंत्रण पर विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन 4 फरवरी को श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस से जुड़े समारोहों में भाग लेने के लिए कोलंबो गए हैं। यह वो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने सहित विविध विषयों पर चर्चा करेंगे। मुरलीधरन का श्रीलंका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और विदेश मंत्री अली साबरी से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है। वीo मुरलीधरन की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।
4 फरवरी को श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस के साथ इस वर्ष भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ भी है। इस वर्षगांठ को मनाने के लिए कई कार्यक्रम होंगे, साथ ही विदेश राज्य मंत्री वीo मुरलीधरन का भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है।
विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि श्रीलंका भारत का करीबी पड़ोसी और मित्र है और भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति में एक केंद्रीय स्थान रखता है। भारत हमेशा की तरह श्रीलंका के लोगों के आर्थिक सुधार, विकास और समृद्धि के लिए उनके साथ खड़े होने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत पहले भी श्रीलंका को आगे बढ़ने में हर संभव मदद कर रहा है।
आपको बता दें कि श्रीलंका अभी गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति का सामना कर रहा है और कर्ज पुनर्गठन को लेकर वह भारत से सहयोग को लेकर आशान्वित है। श्रीलंका आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर का ऋण हासिल करने के लिए प्रयासरत है।
वीo मुरलीधरन की यात्रा से दो सप्ताह पहले विदेश मंत्री एसo जयशंकर ने भी श्रीलंका की यात्रा की थी और कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की थी। उन्होंने गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा था कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से ऊर्जा, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में भारत अधिक निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
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