अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को

ज्योतिषाचार्य एस0एस0 नागपाल

वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है तृतीया 22 अप्रैल शनिवार, प्रातः 07: 49 मिनट से वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: 23 अप्रैल रविवार, प्रातः 07: 47 मिनट पर तक है अक्षय तृतीया पर उच्च के चंद्रमा वृष राशि में होंगे शुक्र अपनी वृष राशि में शनि अपनी कुम्भ राशि में सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में ,गुरु 22 को ही मेष राशि में में प्रवेश करेंगे । साथ ही इस दिन आयुष्मान योग होगा, शुभ कृतिका नक्षत्र रहेगा (नक्षत्र स्वामी सूर्य है), सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग रहेगा। इस शुभ योग में दान पूर्ण करना तथा स्नान करने का काफी महत्व होता है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और संकट कटते हैं. लोगों को धार्मिक स्थलों पर जाकर स्नान कर गरीब, असहाय व जरूरतमंदों में दान कर पुण्य के भागी बनना चाहिए. जो अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना चाहते हैं, वे 22 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 8:04 बजे से लेकर अगले दिन 23 अप्रैल रविवार के सुबह 8 बजे तक खरीदारी कर सकते हैं.

इस दिन आभूषण खरीदना शुभ है शुभ संयोग और ग्रहों की विशेष स्थिति में अक्षय तृतीया पर दान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी. इस दिन जल से भरे कलश पर फल रखकर दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन अबूझ मुहूर्त में मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.परन्तु गुरु अस्त के चलते इस वर्ष विवाह मुहूर्त नहीं है .इस दिन आभूषण, वाहन, प्रॉपर्टी आदि खरीदारी, नया व्यापार आदि कार्य किये जा सकते है। इस दिन परशुराम जयन्ती है . परशुराम जी को भगवान विष्णु का छठवां अवतार माना गया है, त्रेतायुग का प्रारम्भ इसी तिथि को हुआ था। इसे युगादि तिथि भी कहते है। इस दिन भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के नर नारायण, हयग्रीव अवतार इसी दिन हुआ था। भगवान ब्रहमा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म भी इसी दिन हुआ था। श्री बद्रीनारायण के पट भी इसी दिन खुलते है और वृन्दावन में श्रीबिहारी जी के चरणों को दर्शन वर्ष में इसी दिन होता है।

अक्षय तृतीया में तीर्थाे में स्नान, जप, तप, हवन आदि शुभ कार्याे का अनंत फल मिलता है। इस दिन किया गया दान अक्षय यानि की जिसका क्षय न हो माना जाता है। इसदिन जल से भरा कलश, पंखा, छाता, गाय , चरण-पादुका स्वर्ण भूमि आदि का दान सर्वश्रेष्ठ रहता है। मन्दिरों में जल से भरा कलश एवं खरबूजें चढ़ाया जाता है। पुराणों में भी इस दिन का वर्णन है। इस दिन व्यापारी जन अपने खातों की पूजन भी करते है।
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त सुबह 7: 49 से दिन 12:05 तक शुभ है

इस दिन मान्यता है कि सोना, चांदी खरीदने से समृद्वि आती है। सोना , चाँदी आदि आभूषण वाहन, वस्त्र , प्रापर्टी आदि खरीदने हेतु • 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया में व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त

  • • प्रातः मुहूर्त (शुभ) – सुबह 7 :49 से 8 :51
  • • अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – दिन में 12 :05 से सांयकाल 04:57
  • • सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – सांयकाल 06 :34 से 07 :57
  • • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 09 :19 से रात्रि 01 :27

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