मालदीव बन रहा आतंकियों का बड़ा ठिकाना, अमेरिका ने 49 मददगारों पर लगाई पाबंदी

माले/ वाशिंगटन। मालदीव आतंकियों का बड़ा ठिकाना बन रहा है। अमेरिका ने मालदीव के आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों का भर्ती केंद्र व पनाहगाह बनने पर चिंता जताते हुए 49 मददगारों पर पाबंदी लगा दी है। पाबंदी की कार्रवाई के दायरे में 20 व्यक्तियों के साथ 29 कंपनियां आई हैं।

खूंखार आतंकी संगठनों के लिए भर्ती करने व उन्हें संरक्षण देने के आरोप में अमेरिका की ओर से मालदीव के कुछ लोगों और कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें कई पत्रकार और स्थानीय अधिकारियों पर हमले की योजना बनाने में शामिल थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका मालदीव में आतंकवादी हमलों के लिए वित्तीय और अन्य सहायता को रोकना और बाधित करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाले इन नेटवर्क का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इनसे उत्पन्न खतरों का मुकाबला करता रहेगा। अमेरिका का उद्देश्य आतंकी संगठनों को हमलों के लिए धन और संसाधनों से वंचित करना है।

अमेरिका के ट्रेजरी और राज्य विभागों ने मालदीव में 18 आईएसआईएस और आईएसआईएस-खुरासान (आईएसआईएस-के) के सूत्रधारों और दो अलकायदा के गुर्गों के साथ-साथ 29 संबद्ध कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया है। प्रतिबंधित व्यक्तियों में मोहम्मद अमीन का नाम भी जोड़ा गया है जिस पर आईएसआईएस-के के लिए भर्ती करने का आरोप है। माना जाता है वह आईएसआईएस के प्रमुख भर्ती कर्ताओं में शामिल है। मोहम्मद अमीन को अमेरिका ने 2019 में आतंकी घोषित किया था। नए प्रतिबंधों में मालदीव स्थित एक गिरोह में भाग लेने वाले लोगों का भी नाम शामिल है जो आईएसआईएस की गतिविधियों को वित्तपोषित करने और संभावित सदस्यों को संघर्ष वाले क्षेत्रों में भेजने के लिए तैयार करने में मदद करता था।

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