नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश सिख गुरुओं का ऋणी है। समाज और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका वंदनीय है।
शाह ने शुक्रवार को ‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ की ओर से आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सिख पंथ की गुरु परंपरा को वह शीश झुका कर प्रणाम करते हैं। सिख पंथ की 10 पीढ़ियों की गुरु परंपरा ने आक्रान्ताओं के सामने अन्याय और बर्बरता के खिलाफ संघर्ष और बलिदान का उत्कृष्ट उदाहरण दुनिया के सामने रखा है।
शाह ने कहा कि गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन में ”चार उदासियां” से कई देशों के अंदर सर्वधर्म समभाव का उपदेश दिया। कर्नाटक से लेकर मक्का तक उनके चरण मिले हैं। बिना किसी स्वार्थ के प्रेम के संदेश के लिए उस जमाने में पैदल चल कर इतनी यात्रा करने की थी। सालों पहले जब सभी मजहब अपने-अपने पंथ को लेकर युद्ध लड़ रहे थे, उस दौरान नानक देव साहब से लेकर दशम पिता तक जो उपदेश दिए, उन उपदेशों पर आज पूरी दुनिया चल रही है।
शाह ने कहा कि सिख समुदाय धर्म व कर्म दोनों को समान रूप से लेकर आगे चलता है। धर्म के लिए जान देने की बारी आती है, तो एक सच्चा सिख कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखता। देश की आजादी से लेकर आज देश की सुरक्षा तक सिख भाइयों का बलिदान सबसे अधिक है।
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