
गुरु नानक देव को मैंने ज्यादा नहीं पढ़ा। लेकिन उन्हें लेकर मेरे मन में बेहद सम्मान है। क्योंकि उन्हें पढ़े बिना उन्हें पढ़ लिया है। नानक के मानने वाले सिक्ख भाई बारहमास ज़रुरत मंदों की मदद करते हैं। भूखों को खाना खिलाते हैं। हर इतवार लंगर के आयोजन में किसी भी धर्म का कोई शख्स पवित्र भोजन कर सकता है। सिक्ख अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक है लेकिन कभी आरक्षण की मांग नहीं करते। किसी से मदद मांगने के बजाय हर किसी को देने की भावना रखते हैं। नौकरियों की सीटें छोड़कर अपनी व्यवसायिक योग्यता से व्यापार करते हैं। बेरोजगारों को रोजगार और देश को खूब टैक्स देते है। धर्म के नाम पर नफरत नहीं फैलाते। सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।

वाक़ई गुरु नानक जी की तालीम काबिले-तारीफ है। इनकी शिक्षा को सर्वसमाज को अपनाना चाहिए है।
गुरु नानक देव जी की जयंती पर उन्हें नमन। शुभकामनाएं-बधाई।
वाहे गुरु।
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