नई दिल्ली: नौ जनवरी का दिन भारतीय वैज्ञानिकों की एक बड़ी उपलब्धि के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज है। दरअसल धरती के चरम दक्षिण में स्थित बर्फीले अंटार्कटिक महाद्वीप पर पहला भारतीय अभियान दल नौ जनवरी 1982 को ही पहुंचा था। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। इस अभियान की शुरुआत 1981 में हुई थी और इस टीम में कुल 21 सदस्य थे। इसका नेतृत्व डॉक्टर एस जेड कासिम ने किया था। कासिम तब पर्यावरण विभाग के सचिव थे और राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक का पद संभाल चुके थे।
इस मिशन का लक्ष्य यहां वैज्ञानिक अनुसंधान करना था। इस दल ने अपनी यात्रा की शुरुआत गोवा से छह दिसंबर, 1981 को की और अंटार्किटक से 21 फरवरी, 1982 को वापस गोवा पहुंच गए।
आपको बता दें कि अंटार्कटिका पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह एकमात्र महाद्वीप है जो अलग और शून्य आबादी वाला है। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है। यह तीन महासागरों – भारत महासागर, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर से घिरा हुआ है। इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव और फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन को जाता है। रामचरण जी 1960 में अंटार्कटिका पहुंचेवाले पहले भारतीय थे।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal