(शाश्वत तिवारी): जापान के दौरे पर गए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को भारत-जापान साझेदारी पर आयोजित निक्केई फोरम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर जोर दिया।
फोरम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा दुनिया बदल रही है, कई क्षेत्र बदल रहे हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र अब बदलने लगा है। भारत और जापान भी अपनी गति से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे लगता है कि हमारे संबंधों में दुनिया के कई मुद्दों के समाधान निहित है।

इसके अलावा उन्होंने स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने के लिए आपसी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। जयशंकर ने ‘क्वाड’ को एक साझा हित का मंच बताया, जिसमें भारत और जापान के अलावा अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मंच पर ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी मुद्दों पर विमर्श के अलावा परमाणु ऊर्जा पर भी स्पष्ट रूप से चर्चा होनी चाहिए। जयशंकर जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा के साथ 16वीं भारत-जापान विदेश मंत्री स्तर की रणनीतिक वार्ता में भाग लेने के लिए 7-8 मार्च को टोक्यो की यात्रा पर थे। उन्होंने अपनी समकक्ष के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों सहित विस्तार के नए और महत्वाकांक्षी क्षेत्रों पर चर्चा की। इसके अलावा विदेश मंत्री ने टोक्यो में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय शिन्जो आबे की पत्नी अकी आबे से मुलाकात की और भारत-जापान संबंधों के विकास में शिन्जो के बहुमूल्य योगदान को याद किया।
उन्होंने यहां गुरुवार को ‘रायसीना गोलमेज सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए वैश्विक संगठन में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया। जयशंकर ने कहा संयुक्त राष्ट्र में सुधार बहुत महत्वपूर्ण है। जी4 समूह के साथी सदस्यों के रूप में, भारत और जापान संयुक्त राष्ट्र संरचनाओं को और अधिक समसामयिक बनाना चाहते हैं।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal