नई दिल्ली। रायसीना की पहाड़ियों पर स्थित भारत की आन-बान-शान और वैभव के प्रतीक राष्ट्रपति भवन में आज से नौ मार्च तक दक्षिण के राज्यों के बहुरंग देखने को मिलेंगे। सभी लोगों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। जनता सुबह 10 बजे पहुंचकर शाम आठ बजे तक ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ के इस जश्न में बेहिचक शामिल हो सकती है। प्रवेश राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को ‘विविधता का अमृत महोत्सव’ के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से लोगों को दक्षिण भारत की कला और संस्कृति के बारे में पता चलेगा। राष्ट्रपति भवन में इस कार्यक्रम के माध्यम से कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृतियों को देखने और समझने का मौका मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि लगभग 500 कारीगर और बुनकर इस उत्सव में हिस्सा ले रहे हैं। इस आयोजन को पूर्वोत्तर, दक्षिणी, उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को समर्पित सात अलग-अलग संस्करणों में विभाजित किया गया है। इस उत्सव के आयोजक संस्कृति मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और संबंधित राज्य हैं। यह महोत्सव इन राज्यों के कलाकारों, कारीगरों, कलाकारों, लेखकों और पाक विशेषज्ञों को सांस्कृतिक प्रदर्शनों, हस्तशिल्प और हथकरघा प्रदर्शनी, साहित्यिक परिक्षेत्र, सूचनात्मक कार्यशालाओं, फूड कोर्ट आदि के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।
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