छह जून को मंदसौर गोलीकांड की बरसी के मद्देनजर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की आमसभा के जरिए चुनावी शंखनाद की रणनीति तैयार की हैं। वहीं, सरकार भी पूरी तरह सतर्क है। सत्ता और संगठन के तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है।

राहुल गांधी के प्रस्तावित दौरे से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंदसौर दौरा करेंगे। उधर, भाजपा ने अपने सभी विधायकों के साथ किसान मोर्चा के पदाधिकारियों को किसानों के बीच जाने के निर्देश दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक किसानों के विभिन्न् संगठनों के एक से दस जून तक गांव बंद आंदोलन ने सरकार की चिंता और बढ़ा दी है। चना, मसूर और सरसों की खरीदी का काम चल रहा है। लहसुन और प्याज भावांतर योजना में ली जा रही है। 12-13 जिलों में चना की आवक बहुत अधिक है।

मंडियों में इतनी व्यवस्था नहीं है कि सभी किसानों से एक साथ खरीदी की जा सके। इसको लेकर मंडियों में आए दिन किसानों और मंडी कर्मचारियों के बीच रोजाना विवाद हो रहे हैं। उधर, छह जून को मंदसौर के पिपल्यामंडी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की आमसभा है। इसमें दो लाख किसानों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

इसको लेकर पार्टी पदाधिकारी गांव-गांव घूम रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष का मध्यप्रदेश में पहला कार्यक्रम है। इसे सफल बनाने के लिए संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी है। किसान कांग्रेस की कलश यात्रा और संविधान बचाओ जागरण का समापन भी इसी दिन होगा। माना जा रहा है कि राहुल गांधी यहीं से प्रदेश में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। सरकार भी कांग्रेस की इस रणनीति को समझ रही है। दरअसल, विधानसभा चुनाव के फोकस में किसान ही रहेंगे।

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने भी विपक्ष की रणनीति को फेल करने का ताना-बाना बुन लिया है। इसकी कमान मुख्यमंत्री ने खुद संभाली है। वे राहुल गांधी के दौरे से पहले मंदसौर का दौरा करेंगे। किसानों को यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि कांग्रेस सिर्फ किसानों के नाम पर सियासत कर रही है। किसानों के लिए कभी कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। प्रदेश में किसानों के लिए कदम इस सरकार ने उठाए हैं, वो देश के किसी भी राज्य में नहीं उठाए गए।

गुरुवार को ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बैठक में मंडियों में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने देने के निर्देश दिए। वहीं, भाजपा ने भी मालवा और निमाड़ क्षेत्र के विधायकों और किसान मोर्चा को पदाधिकारियों को किसानों के बीच जाने, सरकार द्वारा उनके लिए उठाए कदमों के बारे में बताने के निर्देश दिए हैं।