जलालियन ने कहा कि 149 अफगान कैदियों को अफगानिस्तान भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन कैदियों को उनकी बाकी सजा काटने के लिए तालिबान को सौंप दिया गया है।
इस बीच, तालिबान ने इन कैदियों को लेकर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं की है। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि क्या वे तालिबानी शासन में अपनी पूरी सजा काटेंगे।
अफगान मीडिया आउटलेट अमू टीवी के मुताबिक ईरान में अफगान कैदियों की सही संख्या अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि देश भर में बड़ी संख्या में कैदी हैं।
ईरान मानवाधिकार संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में ईरान में 80 अफगान कैदियों को फांसी दी गई, यह संख्या 2023 से तीन गुना हो गई है।
ईरान में अफगान शरणार्थियों ने बार-बार ईरानी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण दुर्व्यवहार और चुनौतियों का सामना करने की बात कही है।
पिछले सप्ताह, ईरानी सरकार की ओर से घोषणा की गई 21 मार्च, 2025 से देश में बिना दस्तावेज वाले अफ़गान प्रवासियों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अन्य सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा।
ईरान में एक अफगान प्रवासी मारोफह एशाकी ने टोलो न्यूज को बताया, ईरान में प्रवासियों की स्थिति बहुत खराब है। प्रवासी विरोधी भावनाएं बढ़ गई हैं और पुलिस अधिकारी अलग-अलग बहानों से लोगों को गिरफ्तार करते हैं, यहां तक कि वैध वीजा और वैध दस्तावेज रखने वालों को भी गिरफ्तार करते हैं और उन्हें निर्वासित कर देते हैं।
पिछले साल, कई ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें कई अफगान शरणार्थियों को ईरानी पुलिस अधिकारियों और नागरिकों द्वारा अपमानित और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो प्रसारित हुए जिनमें अफगान प्रवासियों को परेशान किया जा रहा था, साथ उनके खिलाफ नारे लगाए जा रहे थे।
ईरानी सरकार ने अफगान शरणार्थियों पर और भी कड़े प्रतिबंध लगा दिए, जिससे उन्हें स्थिर आय अर्जित करने में कठिनाई हो रही हैं।
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