India-Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव पैदा हो गया है. पाकिस्तान लगातार भारत पर मिसाइल हमले कर रहा है लेकिन भारत उसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और उसकी मिसाइलों को आसमान में ही तबाह कर रहा है. इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के उस अचूक और घातक हथियार के बारे में जिसका इस्तेमाल कर भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. दरअसल, हम बात कर रहे हैं नागस्त्र-1 के बारे में जो एक एक आत्मघाती ड्रोन है. जिसे लोइटरिंग म्यूनिशन या ‘कामिकेज़ ड्रोन’ (Loitering Munition) के नाम से जाना जाता है. इस ड्रोन को भारत ने नागस्त्र-1 के नाम से विकसित किया है. इस ड्रोन को उड़ता हुआ बम भी कहा जाता है.
कैसे टारगेट को तबाह करता है ये ड्रोन
नागस्त्र-1 नाम का ये ड्रोन पहले टारगेट के ऊपर मंडराता है और उसके बाद सही मौके देखकर हमला कर खुद को तबाह कर देता है. इस ड्रोन की 120 इकाइयां नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज ने भारतीय सेना को दी हैं. यह ड्रोन आतंकी ठिकानों, लॉन्च पैड्स और घुसपैठियों को निशाना बनाने के लिए विकसित किया है. इस ड्रोन की मदद से सैनिकों का भी जोखिम नहीं होता.
पहली बार ऑपरेशन सिंदूर में किया गया इस्तेमाल
बता दें कि भारत ने इस ड्रोन का इस्तेमाल पहली बार 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया. भारत ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. भारतीय सशस्त्र बलों ने ये कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की. इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी. नागस्त्र-1 नाम के इस आत्मघाती ड्रोन ने अपनी सटीकता से आतंकी ढांचे को तबाह कर दिया. जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की तकनीकी ताकत का पहला बड़ा प्रदर्शन भी है. साथ ही ये ड्रोन मेक इन इंडिया का शानदार नमूना भी है.
जानें क्या है नागस्त्र-1 की खासियत
नागस्त्र-1 ड्रोन की खासियतों में उसकी सटीकता भी शामिल है. ये ड्रोन 30 किमी की रेंज में जीपीएस की मदद से 2 मीटर की सटीकता के साथ हमला करने में सक्षम है. ये ड्रोन एक बार में 60 मिनट तक उड़ सकता है. यह मैन-इन-लूप मोड में 15 किमी और ऑटोनॉमस मोड में 30 किमी की रेंज के साथ उड़ने में सक्षम है. इसका इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम इसे 200 मीटर ऊंचाई पर रडार से छुपाने की क्षमता के साथ विकसित किया गया है. इसके अलावा ये दिन और रात में बिना किसी रुकावट के काम कर सकता है. नागस्त्र-1 ड्रोन 1 किलो का विस्फोटक वॉरहेड ले जाने में सक्षम है. इसके साथ ही ठंड वाले इलाकों में ये 4500 मीटर की ऊंचाई पर आसानी से उड़ान भर सकता है.
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