शुभमन गिल की टेस्ट कप्तानी की शुरुआत: ‘स्पष्टता और आत्मविश्वास’ को बनाना चाहते हैं टीम की पहचान

मुंबई : भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने गुरुवार को अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने नेतृत्व के दृष्टिकोण को लेकर पूरी स्पष्टता और आत्मविश्वास दिखाया। 25 वर्षीय गिल इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ से अपनी कप्तानी की शुरुआत करने जा रहे हैं और उनका लक्ष्य है — टीम के भीतर विश्वास और पारदर्शिता की संस्कृति को विकसित करना।

मुंबई में मीडिया से बात करते हुए गिल ने कहा, “मेरे पास कोई खास कप्तानी का स्टाइल नहीं है। जितना ज़्यादा खेलते हो, उतना ज़्यादा अनुभव आता है और आपकी अपनी शैली खुद सामने आती है। मेरे लिए सबसे जरूरी चीज़ है खिलाड़ियों से संवाद, उन्हें उनकी ताकत और कमजोरी को लेकर सहज महसूस कराना। अगर खिलाड़ी सुरक्षित महसूस करते हैं, तभी वे अपना 100% दे पाते हैं।”

गिल ने रोहित शर्मा की नेतृत्व शैली की तारीफ करते हुए कहा, “रोहित भाई की सबसे बड़ी खूबी थी उनकी साफ़-साफ़ बात करने की शैली। वे जानते थे कि खिलाड़ियों से क्या चाहिए और उसे साफ़ तरीके से बताते थे। मैं भी वही अपनाना चाहूंगा।”

भारत को हाल में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में हार झेलनी पड़ी, जिससे टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई थी। ऐसे में गिल को बड़ी चुनौती के साथ कप्तानी सौंपी गई है।

इस पर गिल ने कहा, “हर दौरे में दबाव होता है। हमारे पास अच्छा कॉम्बिनेशन है — अनुभव और टैलेंट का। नए सिरे से शुरुआत करने का मौका है और हम इसके लिए तैयार हैं।”

गिल भारत के पांचवें सबसे युवा टेस्ट कप्तान हैं और 1988 में एक टेस्ट के लिए कप्तान बने रवि शास्त्री के बाद सबसे कम उम्र के टेस्ट लीडर हैं।

गिल ने बताया कि टीम का बल्लेबाजी क्रम अभी तय नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा,“हम 10 दिनों का कैंप करेंगे और 13 से 16 जून के बीच एक इंट्रा-स्क्वॉड मैच भी होगा। उसी के बाद हम तय करेंगे कि कौन किस क्रम पर खेलेगा।”

गौरतलब है कि भारत की 18 सदस्यीय टीम में पहली बार शामिल हुए हैं बी. साई सुधर्शन, जबकि 8 साल बाद टेस्ट टीम में लौटे हैं करुण नायर। अभिमन्यु ईश्वरन को भी बरकरार रखा गया है। ऑलराउंडर विकल्पों में नितीश रेड्डी, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर और रवींद्र जडेजा शामिल हैं।

गंभीर बोले – ’20 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ ही मैच जिताते हैं’

हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा, “केवल पिच की स्थिति नहीं, इंग्लैंड में ऊपर के हालात भी अहम होते हैं। टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेने जरूरी होते हैं। चाहे बैटर 1000 रन बना लें, पर अगर 20 विकेट नहीं लिए, तो जीत मुश्किल है।”

इंग्लैंड की आक्रामक टेस्ट शैली ‘बाज़बॉल’ को लेकर गिल ने कहा, “वे एक खास अंदाज़ में खेलते हैं। लेकिन यह हमारे लिए एक मौका है। अगर हम अपने प्लान और एग्ज़ीक्यूशन में प्रोऐक्टिव रहे, तो उन्हें दबाव में डाल सकते हैं।”

एकदिनी और टी 20 में भारत अभी भी नंबर 1 टीम है, लेकिन टेस्ट में बदलाव का दौर है। गिल के सामने मौका है न सिर्फ खुद को कप्तान के तौर पर साबित करने का, बल्कि टीम को फिर से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की दौड़ में लाने का भी। अगले फाइनल तक गिल 27 वर्ष के होंगे, और यही दो साल उनकी कप्तानी की असली परीक्षा होंगे।

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