नई दिल्ली : अभिनेता और अभिनेत्रियों के पारिश्रमिक में कोई समानता नहीं है। अक्सर अभिनेताओं को अभिनेत्रियों से ज़्यादा भुगतान किया जाता है।हालांकि, आज के समय में हीरोइनों की अहमियत बढ़ गई है, लेकिन उनका पारिश्रमिक नहीं बढ़ा है। आज भी कई अभिनेत्रियां हीरो से कम फीस मिलने पर नाराज़गी जताती हैं। अभिनेत्री वामिका गब्बी ने भी इस बारे में सवाल उठाया है।
पंजाबी सिनेमा में अपनी पहचान बना चुकीं वामिका गब्बी ने अब बॉलीवुड में भी एंट्री कर ली है। वामिका न सिर्फ अपनी खूबसूरती, बल्कि शानदार अभिनय से भी दर्शकों को प्रभावित कर रही हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि वामिका ने साल 2007 में फिल्म ‘जब वी मेट’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जिसमें करीना कपूर और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाओं में थे। इन दिनों वामिका अपनी हालिया रिलीज़ फिल्म ‘भूल चूक माफ़’ को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसमें उन्होंने राजकुमार राव के साथ स्क्रीन शेयर की है। इस फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस को काफी सराहा जा रहा है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में वामिका ने फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेता और अभिनेत्रियों के बीच वेतन अंतर को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर खुलकर बात करने की जरूरत है।
वामिका ने कहा, “यह सच है कि वेतन में अंतर है, लेकिन यह मुझे बहुत परेशान नहीं करता।” “हालांकि, एक भावना है कि क्योंकि आप एक महिला हैं, इसलिए आपको कम भुगतान किया जाता है और वास्तव में ऐसा ही होता है। वे कहते हैं कि एक पुरुष अभिनेता अधिक दर्शकों को आकर्षित करता है, लेकिन आप बिना नायिका के फिल्म नहीं बना सकते। मुझे इसके पीछे का तर्क समझ में नहीं आता। कई बार ऐसा होता है कि एक नायक को बहुत सारा पैसा दिया जाता है, लेकिन फिर भी फिल्म अच्छा प्रदर्शन नहीं करती, तो उसकी फीस पर असर क्यों नहीं पड़ता?”
वामिका गब्बी ने कहा, “मैं पैसे कमाने के लिए अलग-अलग तरीके खोजना चाहती हूं। मैं इसे रचनात्मक तरीके से करना चाहती हूं, जहां मैं इसका आनंद भी ले सकूं और अपने तरीके से वेतन के इस अंतर को कम कर सकूं। मैं इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकती कि पारिश्रमिक में अभी भी असमानता है। ‘अभिनेताओं’ वाली कोई भी फिल्म अभिनेत्री के बिना नहीं चल सकती।”————–