बाढ प्रबंधन पर नागरिक-सैन्य संगोष्ठी-2025 आयोजित

लखनऊ:  भारतीय सेना की मध्य कमान और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूपी एसडीएमए) ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के समन्वय में 10 जून 2025 को लखनऊ छावनी स्थित मुख्यालय मध्य कमान में आपदा प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय स्तर की नागरिक-सैन्य संगोष्ठी का आयोजन किया। इस बहु-हितधारक कार्यक्रम में केंद्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ, पूर्व चेतावनी एजेंसियाँ और प्रतिक्रिया बलों एवं पाँच राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के रूप में यह संगोष्ठी एक समयोचित पहल है, जिसमें बाढ़ और बाढ़ से संबंधित आपदाओं के प्रति विभिन्न राज्यों की बहुआयामी संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया है, जो जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न बदलती गतिशीलता, परिमाण, प्रकार और आवृत्ति जैसे विभिन्न कारकों के संगम में गहराई से निहित है। आपदा प्रबंधन में प्रमुख हितधारकों के रूप में, एनडीएमए, एसडीएमए और भारतीय सेना आपदा प्रबंधन के लिए एक संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण के महत्व को पहचानते हैं, जिसके लिए निरंतर विचार-विमर्श, साझा सीख और सर्वाेत्तम कार्यप्रणाली के आदान-प्रदान की आवश्यकता होती है।

संगोष्ठी में आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के लिए जिम्मेदार केंद्रीय मंत्रालयों की पूर्व चेतावनी एजेंसियों ने भाग लिया, जिसमें भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) शामिल थीं। प्रतिक्रिया एजेंसियों में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, यूपी पीएसी (बाढ़) और यूपी अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं संगोष्ठी में शामिल थीं। बाढ़ से प्रभावित होने वाले पाँच उत्तरी राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के एसडीएमए की भाग लेने वाली टीमों ने बाढ़ से निपटने के लिए अपने राज्यों में सीखे गये सबक, बेस्ट प्रैक्टिसेज और नवाचारों को प्रस्तुत किया।

संगोष्ठी ने प्रमुख आपदा प्रबंधकों की भूमिका और जिम्मेदारियों को समझने के लिए एक मंच प्रदान किया, साथ ही डोमेन विशेषज्ञों से और बाढ़ आपदा प्रबंधन में नवीनतम रुझानों के बारे में सीखा। इस संगोष्ठी में पाँच राज्यों में समकालीन बाढ़ और बाढ़ से संबंधित आपदा मुद्दों को शामिल किया गया और आपदा प्रबंधन, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, भारत में प्राकृतिक आपदाओं की आर्थिक लागत, आपदा भेद्यता और घटना प्रतिक्रिया प्रणालियों से सीखे गए सबक पर ध्यान केंद्रित किया गया।

यह संगोष्ठी आपदा प्रबंधन में ज्ञान के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और रणनीतिक योजना के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन था और इसने हितधारकों को सहयोग करने, ज्ञान साझा करने और प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया। जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती कमज़ोरियों को संबोधित करके, यह संगोष्ठी भारत में एक अधिक लचीला और उत्तरदायी आपदा प्रबंधन ढांचा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्य अतिथि माननीय कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण, उत्तर प्रदेश श्री स्वतंत्र देव सिंह द्वारा संगोष्ठी को सम्बोधित किया गया। संगोष्ठी में वरिष्ठ आपदा प्रबंधन और सैन्य नेतृत्व ने भाग लिया, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल ए० सेनगुप्ता, जीओसी-इन-सी, मध्य कमान भारतीय सेना, श्री मनोज कुमार सिंह, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश, श्री राजेंद्र सिंह, सदस्य और विभागाध्यक्ष, एनडीएमए, लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (से०नि०), सदस्य एनडीएमए और लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र डिमरी (से०नि०), उपाध्यक्ष, उ०प्र० राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शामिल हुए।

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