काठमांडू : नेपाल की पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी की प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात हुई है। यह मुलाकात करीब दो घंटे तक चली। प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर हुई मुलाकात के बारे में वैसे तो आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी की सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई है। पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी की सक्रियता से नाराज ओली से उनकी मुलाकात को काफी अहम बताया जा रहा है। ओली की पार्टी इस समय नेतृत्व चयन को लेकर बहस कर रही है। ऐसे में नेतृत्व में रहे खुद ओली और उनको चुनौती दे रही भंडारी की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह खबर दी गई है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति जैसे उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति को वहां से रिटायर्ड होने के बाद फिर से सक्रिय राजनीति में आने से नकारात्मक संदेश जाने की बात कही है।
वैसे तो यह बात प्रधानमंत्री ओली सार्वजनिक तौर पर भी कह चुके हैं। जिस समय पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी चीन की यात्रा से लौटने के बाद देशव्यापी दौरे पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही थीं उसी दौरान ओली ने उनकी सक्रियता पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि व्यक्ति को अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए और पदीय मर्यादा के विपरीत आचरण नहीं करना चाहिए। ओली ने पार्टी का बैनर और मंच का दुरूपयोग करने और बिना पार्टी के निर्देशन के किसी भी पूर्व नेता का कार्यक्रम करने पर तत्काल रोकने के लिए कहा था।
ओली की पार्टी की उपाध्यक्ष रह चुकी और इसी पार्टी से राष्ट्रपति की उम्मीदवार रह चुकीं विद्या भंडारी ने भी एक टेलीविजन इंटरव्यू में ओली को जवाब देते हुए कहा कि मुझे देश भर में भ्रमण करने से और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने में किसी से पूछने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस पार्टी को मैने अपना पूरा जीवन दिया है और पार्टी महाधिवेशन से उपाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुई थी। विद्या भंडारी का कहना था कि इस पार्टी पर उनका भी उतना ही अधिकार है जितना किसी और का।