नई दिल्ली : देश के पूर्वोत्तर हिस्से में जलमार्ग और समुद्री संपर्क को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी में आयोजित ’11 साल की सेवा’ कार्यक्रम में कई घोषणाएं कीं। इनका उद्देश्य पूर्वोत्तर की आर्थिक और रणनीतिक क्षमताओं को पूर्ण रूप से सामने लाना है। यह जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में दी।
सोनोवाल ने बताया कि पूर्वोत्तर में जलमार्गों के विकास के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा आने वाले दशक में समुद्री व्यापार के क्षेत्र में 50,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट को वर्ष 2027 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नौवहन सहायता को मजबूत करने के लिए पांडु, तेजपुर, बिस्वनाथ और बोगीबील में लाइटहाउस स्थापित करने की योजना है, जबकि मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही 85 सामुदायिक जेटी ग्रामीण व्यापार और आवागमन को सुगम बनाने में मदद करेंगी।
नदी परिवहन को सालभर सुचारु बनाए रखने के लिए सरकार 10 एम्फीबियन और कटर सेक्शन ड्रेजर खरीदने के लिए 610 करोड़ रुपये निवेश करेगी। वहीं गुवाहाटी, तेजपुर और डिब्रूगढ़ में जल मेट्रो प्रोजेक्ट की योजना भी बनाई गई है, जिसका व्यवहार्यता अध्ययन पहले ही पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय जलमार्ग-2 और जलमार्ग-16 पर 2025 तक एक वैश्विक लॉजिस्टिक कंपनी द्वारा 100 बार्ज संचालित करने की योजना भी घोषित की गई है। साथ ही सिलघाट, नेमाटी, बिस्वनाथ घाट और गुइजान में पर्यटन और कार्गो जेटी के विकास के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।