हिमाचल में 16 जुलाई तक येलो अलर्ट, अब तक 95 मौतें और 751 करोड़ का हुआ नुकसान

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता से बादल जमकर बरस रहे हैं। हालांकि बीती रात राज्य के कई हिस्सों में हुई जोरदार बारिश के बाद शनिवार को अधिकांश इलाकों में बादल छाए रहे, जिससे लोगों को कुछ राहत तो मिली। लेकिन मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। अगले एक सप्ताह तक पहाड़ी प्रदेश के अनेक जिलों में तेज बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार 13 जुलाई को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 14 जुलाई को ऊना, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। 15 जुलाई को चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी वर्षा की चेतावनी है, जबकि 16 जुलाई को लाहौल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर बाकी सभी 10 जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। मौसम विभाग ने 18 जुलाई तक राज्यभर में मौसम खराब रहने की आशंका जताई है।

बीते 24 घंटों में मंडी जिले के मुरारी देवी क्षेत्र में सर्वाधिक 130 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, जबकि हमीरपुर के अघ्घर में 100 मिमी, मंडी के पंडोह में 80 मिमी, कुल्लू के कोठी में 60 मिमी और मंडी शहर में 50 मिमी बारिश दर्ज हुई।

भारी वर्षा और भूस्खलन से राज्य में यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार शाम तक भूस्खलन से दो नेशनल हाईवे (एनएच-003 और एनएच-21) समेत कुल 250 सड़कें बंद हो गई हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां दो नेशनल हाईवे के अलावा 203 सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी के चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर भी आज चार मील के पास भूस्खलन से यातायात अवरुद्ध हो गया।

इसके अलावा प्रदेशभर में 327 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं और 787 पेयजल योजनाएं बाधित हो गई हैं। अकेले मंडी में ही 102 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं और 175 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है। कांगड़ा जिले में 612 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है और हमीरपुर में 166 ट्रांसफार्मर ठप होने से बिजली संकट गहराया है।

मानसून सीजन में अब तक बारिश जनित हादसों में 95 लोगों की मौत हो चुकी है, 33 लापता हैं और 175 घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 21 मौतें मंडी जिले में हुई हैं, कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10, चम्बा में 9 और बिलासपुर में 7 लोगों की मौत हुई है।

भारी बारिश और भूस्खलन से करीब एक हजार से अधिक मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 185 दुकानें और 785 गौशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं। इसके अलावा 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 953 अन्य पशुओं की मौत हुई है।

20 जून से अब तक हिमाचल में बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 18 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। इन आपदाओं से राज्य को अब तक लगभग 751 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान जलशक्ति विभाग को करीब 408 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ का हुआ है।

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