नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 54 सौ करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘विकास से सशक्तिकरण’, ‘रोजगार से आत्मनिर्भरता’ और ‘संवेदनशीलता से सुशासन’ को भारत के विकास का मार्ग बताया। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में विकसित भारत के संकल्प की चर्चा हो रही है। इस दिशा में भारत में हो रहे बुनियादी बदलाव एक मजबूत आधार बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आज दुर्गापुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्गापुर में 54 सौ करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि दुर्गापुर भारत की श्रमशक्ति का बड़ा केंद्र है और इन परियोजनाओं से क्षेत्र की कनेक्टिविटी, गैस आधारित अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को बल मिलेगा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने तेल एवं गैस, बिजली, सड़क और रेल क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में बीपीसीएल की 1,950 करोड़ रुपये की सिटी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखी। इसके तहत घरों और व्यवसायों को पीएनजी और सीएनजी की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में गैस कनेक्टिविटी पर बहुत काम हुआ है। पिछले दशक में, हर घर तक एलपीजी पहुँची है और दुनिया ने इसकी सराहना की है। हमने वन नेशन, वन गैस विजन पर काम किया और प्रधानमंत्री ऊर्जा योजना बनाई। इसके तहत पश्चिम बंगाल सहित भारत के छह पूर्वी राज्यों में पाइपलाइन बिछाई जा रही है।
प्रधानमंत्री ने दुर्गापुर से कोलकाता तक 132 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया, जिसकी लागत 1,190 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 1,457 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली एफजीडी को भी राष्ट्र को समर्पित किया। रेल क्षेत्र में पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन के दोहरीकरण और तोपसी व पांडबेश्वर में 380 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए आरओबी का भी उद्घाटन किया गया।
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