चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआई ने घोषित अपराधी को किया गिरफ्तार

भुवनेश्वर : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चिटफंड घोटाला मामले में घोषित अपराधी शिवकुमार गंगाधरन उर्फ जी. शिवकुमार को गिरफ्तार किया। वह राइटमैक्स टेक्नोट्रेड इंटरनेशनल लिमिटेड का डायरेक्टर है और 2018 से बार-बार अपना ठिकाना बदलकर गिरफ्तारी से बच रहा था।

शिवकुमार गंगाधरन साल 2014 में दर्ज इस मामले में धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और प्राइज चिट्स एवं मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (प्रतिबंध) अधिनियम 1978 के उल्लंघन का आरोपी था। अंत में केंद्रीय जांच एजेंसी ने टेक्नोलॉजी और जानकारी के माध्यम से शिवकुमार का पता लगा लिया।

भुवनेश्वर से सीबीआई की एक टीम ने उसे तमिलनाडु के करूर से गिरफ्तार किया। इसके बाद जांच एजेंसी ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

वहीं, एक अन्य उत्तराखंड एलयूसीसी धोखाधड़ी मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में शामिल एलयूसीसी स्कैम (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी) ने देश की सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए। इस मल्टी स्टेट स्कैम में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान सहित आठ राज्यों के हजारों निवेशकों, विशेषकर महिलाओं, से सैकड़ों करोड़ रुपए की ठगी की गई।

इस मामले में कोटद्वार में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। 1 जून 2024 को कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने दुगड्डा शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर आरडी खाता खोलने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

इस संबंध में कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा संख्या 142/24 दर्ज किया गया। पौड़ी पुलिस ने संबंधित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में आठ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और चार के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।

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