लखनऊ: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांग्लादेश में मजहबी उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को दीपावली से पूर्व एक बड़ा उपहार दिया है। केंद्र सरकार के इस कदम का विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने स्वागत करते हुए सराहना की है। उन्होंने कहा है कि कट्टरपंथी सरकारों और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं को इससे सबक लेना चाहिए।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि केंद्र सरकार के एक फैसले के मुताबिक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में मजहबी उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यक हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन पारसी व ईसाई समुदाय के वे सभी पीड़ित लोग जो गत वर्ष यानि 2024 तक, भारत में आ चुके हैं, उन सभी को भारत की नागरिकता देने हेतु एक आदेश जारी किया है।
बंसल के मुताबिक, इस माह की पहली तारीख को जारी इस आदेश में कहा गया है कि इन समुदायों से संबंधित वे सभी पीड़ित लोग जो 31 दिसंबर 2024 तक भारत की पुण्य धरा पर पधार चुके वे सभी अब मां भारती के नागरिक बनने के अधिकारी हैं। चाहे उनके पास उनके मूल देश का पासपोर्ट या कोई अन्य वैध दस्तावेज है या नहीं।
श्री बंसल ने बताया कि अब तक सिर्फ वे ही ऐसे लोग नागरिकता के अधिकारी थे जो 31.12.2014 तक भारत में आ चुके थे। भारत सरकार के इस कदम से इन देशों से अपनी जान बचाकर किसी तरह भारत में शरण लेने को मजबूर हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन पारसी व ईसाई समुदाय के असंख्य लोग ही नहीं अपितु मानवीय जीवन मूल्यों में विश्वास रखने वाले सभी लोगों ने एक बड़ी राहत की सांस ली है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उनका मंत्रिमंडल इसके लिए साधुवाद व धन्यवाद के पात्र है।
विहिप के पदाधिकारी ने कहा कि आशा है कि भारत सरकार के इस जन उपकारी कदम से इन देशों के कट्टरपंथी नेतृत्व, सरकारें तथा वहाँ की अमानवीय घटनाओं पर मुंह में दही जमाकर बैठे संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं कुछ सबक लेंगी।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal
