बेंगलुरु (कर्नाटक) : राज्य में सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जाति जनगणना) आज से शुरू हो गई। कई समुदायों के असंतोष, आपत्तियों और चिंताओं के बीच राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग 7 करोड़ लोगों के घर-घर जाकर सारी जानकारी इकट्ठा करेगा।
जाति जनगणना के लिए 1.75 लाख शिक्षकों को तैनात किया गया है और उन्हें अग्रिम तैयारियों के साथ प्रशिक्षित किया गया है। गणनाकार 60 प्रश्नों के माध्यम से सारी जानकारी दर्ज करेंगे। ईसाई उपजातियों के नाम दर्ज करने के मामले में आयोग ने विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक जटिलताओं के कारण 33 ईसाई उपजातियों को सूची से हटा दिया है।
हालांकि, लोग चाहें तो अपना धर्म और जाति विवरण स्वयं दर्ज कर सकते हैं। बेंगलुरु शहर में तैयारी और प्रशिक्षण में देरी के कारण सर्वेक्षण 2-3 दिन देरी से शुरू होगा। इस बीच, उच्च न्यायालय आज जाति जनगणना को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की जनहित याचिका पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है और अन्य याचिकाओं पर भी विचार किए जाने की संभावना है।
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