देहरादून : विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी मंगलवार 25 नवंबर को अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया कल शुक्रवार 21 नवंबर से पंच पूजाओं से शुरू होंगी।
बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने जानकारी दी कि कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजाओं के पहले दिन 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी। शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे। दूसरे दिन 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे दिन 23 नवंबर को खडग – पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा। चौथे दिन 24 नवंबर मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग लगेगा। 25 नवंबर को अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल बंद हो जायेंगे।
26 नवंबर प्रातः को कुबेर एवं उद्धव सहित रावल सहित आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेंगे। उद्धव एवं कुबेर शीतकाल में गद्दीस्थल पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 27 नवंबर को नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंचेगी।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया जायेगा कपाट बंद के समय बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवान, रावल अमरनाथ नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, हक-हकूकधारी व तीर्थ पुरोहित व श्रद्धालु मौजूद र
हेंगे।
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