नई दिल्ली : जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में ब्राजील सहित दुनिया के 7 देशों के मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय
के जज शामिल होंगे।
इस समारोह में ब्राजील के अलावा भूटान, केन्या, मलेशिया, मारीशस, नेपाल और श्रीलंका के चीफ जस्टिस और उनके साथ आए परिजन शामिल होंगे। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब किसी चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में इतनी बड़ी संख्या में दूसरे देशों के न्यायिक प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति होगी।
जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें चीफ जस्टिस होंगे और उनका कार्यकाल 14 महीने का होगा। वे 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे। जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा से पहले चीफ जस्टिस होंगे। मौजूदा चीफ जस्टिस बीआर गवई के आज रिटायर होंगे। जस्टिस बीआर गवई का अंतिम कार्य दिवस 22 नवंबर को था।
जस्टिस सूर्यकांत ने अपने शपथग्रहण से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अदालतों में लंबित मामलों से निपटने की होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने के बाद हमारे फैसलों की दूसरे देशों में नजीर दी जाती है इसलिए हमें अपने दर्शन और न्यायशास्त्र की जरुरत है।
मीडिया रिपोर्टिंग पर बोलते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कुछ मीडिया जिम्मेदार हैं जो कोर्ट की रिपोर्टिंग सही से करते हैं। सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट और जजों की ट्रोलिंग से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कौन क्या कहता है, हमें असर नहीं पड़ता। उन्होंने सोशल मीडिया को लेकर कहा कि यह सोशल नहीं अनसोशल मीडिया है।
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