धनबाद : झारखंड के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान आईआईटी (आईएसएम) धनबाद अपनी गौरवशाली यात्रा के 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। शताब्दी स्थापना सप्ताह का भव्य शुभारंभ 3 दिसंबर को किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्र मुख्य रूप से शिरकत करेंगे, जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी होंगे।
डॉ. पीके मिश्र की भागीदारी यह दर्शाती है कि विज्ञान, तकनीक और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में संस्थान की भूमिका कितनी अहम रही है। समारोह में डीआरडीओ, ऊर्जा और खनन कंपनियों, सार्वजनिक प्रशासन, वैश्विक तकनीकी संगठनों और विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से कई विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।
‘विकसित भारत @2047’ पर अमृतकाल विमर्श
कार्यक्रम में ‘विकसित भारत @2047’ विषय पर अमृतकाल विमर्श आयोजित किया जाएगा। यह विमर्श आने वाले वर्षों में भारत की तकनीकी, औद्योगिक और सामाजिक दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण आधार प्रदान करेगा।
ज्ञान-विज्ञान प्रांगण होगा मुख्य आकर्षण
समारोह में ज्ञान-विज्ञान प्रांगण का उद्घाटन प्रमुख आकर्षण रहेगा। यहां अत्याधुनिक तकनीकों का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें 3डी मेटावर्स माइनिंग, उन्नत सिस्मोलॉजी प्रणालियां, एआई संचालित डिजिटल ट्विन डैशबोर्ड, रोबोटिक्स, स्वच्छ ऊर्जा तकनीक शामिल हैं।
यह प्रांगण संस्थान की उस सौ वर्षीय यात्रा का प्रतीक होगा, जिसने इसे एक पारंपरिक खनन विद्यालय से आधुनिक तकनीकी संस्थान में परिवर्तित किया है।
राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक आयोजन
पूरे सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण खनिज संसाधन, सतत ऊर्जा संक्रमण, भारतीय ज्ञान परंपरा, महिला-नेतृत्व वाले नवाचार, माइनिंग 4.0, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, फ्रंटियर जियोसाइंसेस और पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक राष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही विद्यालयी छात्रों के लिए कार्यशालाएं, रोबोटिक्स गतिविधियां, नवाचार प्रतियोगिताएं और विज्ञान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की जाएंगी।
एसपीआईसी मैके, लोक कलाकारों, रंगमंच दलों और छात्र कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र होंगी।
पूर्व छात्रों का सम्मेलन और विरासत प्रदर्शनी
सप्ताह का एक महत्वपूर्ण आकर्षण पूर्व छात्रों का सम्मेलन भी होगा, जिसमें पूर्व निदेशक, पूर्व अध्यक्ष और देश-विदेश के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र भाग लेंगे।सम्मेलन में आईआईटी (आईएसएम) की सौ वर्षों की यात्रा और भविष्य की दिशा पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा विरासत प्रदर्शनी और आर्काइव वॉक के माध्यम से आगंतुकों को संस्थान के ऐतिहासिक विकास के प्रमुख पड़ावों की
झलक मिलेगी।___________
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