तीन करोड़ दीदियों को लखपति दीदी बनाने का है लक्ष्यः शिवराज सिंह

नई दिल्ली : केन्द्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि लखपति दीदी ने अपने कर्मठ प्रयासों से समृद्धि से अपनी भविष्य की दास्तान लिखी है। आज देश में दो करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं। अब तीन करोड़ दीदियों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। वो दिन दूर नहीं हर जब देश की सभी दीदी लखपति होंगी। शिवराज सिंह यहां सुंदर नर्सरी में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस आजीविका फूड फेस्टीवल 2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहीं। ग्रामीण विकास एवं संचार राज्यमंत्री चन्द्र शेखर पेम्मासानी और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री कमलेश पासवान भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।शिवराज सिंह ने कहा कि देश के 25 राज्यों से आईं लखपति दीदी अपनी गुणों और परिश्रम की वजह से पूरे देश को रास्ता दिखा रही हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प को सिद्धि में बदलने का काम ग्रामीण विकास मंत्रालय कर रहा है। देश की कोई भी दीदी गरीब क्यों रहे, आंसू क्यों बहाए। आज यहां अलग-अलग राज्यों से आईं दीदी की आंखों में चमक है, आत्मविश्वास से भरी हुई हैं। समृद्धि का आसमान छूने निकली है। स्वावलंबन औऱ स्वेदशी सब इस फूड फेस्टिवल में देखने को मिल रहा है। देश बदल रहा है। आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति का रंग इसके व्यंजनों में मिलता है। हमारे व्यंजनों में मां की सीख है, दादी की रीत है और मिट्टी की खुशबू भी है। उन्होंने सभी दिल्ली वासियों से आह्वान किया कि इस फूड फेस्टिवल का आंनद लें।

 

सरस फूड फेस्टिवल में 62 स्टॉलों पर देशभर के 25 राज्यों की क़रीब 300 से ज्यादा लखपति दीदीयां (महिला उद्यमी) व स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भाग ले रही है। 09 दिसंबर तक चलने वाले सरस फूड फेस्टिवल का आयोजन नई दिल्ली में सुंदर नर्सरी, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स मार्ग, निजामुद्दीन, हुमायूं के मकबरे के पास किया गया है। फूड फेस्टिवल दर्शकों के लिए पूर्वाह्न 11.30 से लेकर रात्रि 9.30 तक खुला रहेगा। इसका उद्देश्य न केवल देश की खाद्य संस्कृति से लोगों को परिचित कराना है बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को प्रेरित करना भी है।

 

सरस फूड फेस्टिवल के तहत दिल्ली और समीपवर्ती राज्यों के लोग 25 राज्यों की संस्कृति और स्वाद के संगम से न केवल रूबरू हो सकेंगे बल्कि इन राज्यों के सामाजिक ताने बाने के बारे में भी जान सकेंगे और इन राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनों से भी परिचित हो सकेंगे और उसका स्वाद ले सकेंगे।

 

इस बार फेस्टिवल में लोग 500 से अधिक व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। इसमें मुख्य रूप से हिमाचली सीडडू, उत्तराखंड का तंदूर चाय, जम्मू-कश्मीर का मशहूर कलारी कुल्चे, हैदराबादी दम बिरयानी, नॉर्थ ईस्टर्न मोमो, बंगाली फ्राइड मछली समेत राजस्थान की कैर सागरी, गट्टे की सब्ज़ी, बाजरे की रोटी, बंगाल की हिलसा, फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के पकवान उपलब्ध रहेंगे। इसमें हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और गुजरात सहित अन्य राज्य भी हिस्सा ले रहे हैं।

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