मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो के जंगल में छोड़े 3 चीतेभोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों के अनुरूप श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्स्थापन को नई दिशा मिली है। आज अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर मादा चीता ‘वीरा’ के साथ उसके दो शावक खुले वन में विचरण के लिए छोड़े गए हैं।
राज्य में चीतों की संख्या अब 32 हो गई है। इसमें गांधीसागर अभयारण्य के तीन चीते भी शामिल हैं। कूनो नेशनल पार्क चीतों के पुनर्वास से अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का केंद्र बन चुका है। कूनो में हमारी धरती पर ही जन्मे तीसरे पीढ़ी के चीते विचरण कर रहे हैं। कूनो में जन्मी मादा चीता ‘मुखी’ के पांच शावक स्वस्थ हैं, यह सुखद समाचार है। कूनो के चीते अब श्योपुर से मुरैना और राजस्थान की धरती तक दौड़ लगा रहे हैं। राज्य की समृद्ध वन संपदा में चीता मुकुटमणि और कोहिनूर के समान है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर तीन चीतों को स्वछंद विचरण के लिए बाड़े से अभयारण्य (खुले जंगल) में छोड़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की भूमि पर सभी जीव सुरक्षित होंगे, राज्य सरकार इसके लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उन्नत रेडियो ट्रेकिंग प्रणाली और समर्पित टीमों के माध्यम से सतत् निगरानी की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चीता दिवस के अवसर पर कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वर्ष-2026 के कैलेण्डर और ‘फील्ड मैन्युअल फॉर क्लिनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज़ इन कूनो नेशनल पार्क’ बुक का विमोचन किया। साथ ही कूनो राष्ट्रीय उद्यान में ‘नव-निर्मित सोवेनियर शॉप’ का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद में आयोजित कार्यक्रम में चीता दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी। चीता प्रोजेक्ट की सफलता के लिए उन्होंने वन विभाग के अमले को धन्यवाद भी दिया।
चीतों का तेजी से परिवार बढ़ रहा है मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश टाइगर, लेपर्ड और चीता स्टेट है। हमारे जंगल बहुत से वन्यजीवों के आश्रय स्थल हैं। ऐसे में विश्व में पहली बार चीतों का पुनर्स्थापन मध्य प्रदेश में हुआ, इसके लिए वन विभाग के मंत्री और अधिकारी बधाई के पात्र हैं। श्योपुर, कूनो में चीतों के पुनर्स्थापन से पर्यटन में पांच गुना वृद्धि हो चुकी है। चीतों का परिवार जिस तेज गति से बढ़ रहा है, उसी हिसाब से भविष्य में कूनो नेशनल पार्क से विस्थापित लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।
मनुष्य और चीते का संबंध वसुधैब कुटुम्बकम का सबसे सुंदर उदाहरणमुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि चंबल अंचल के स्वच्छ वातावरण में हमारे नागरिक भी चीतों के साथ जीना सीख गए हैं और चीतों से प्रेम भी कर रहे हैं। प्रदेशवासियों में वन्यजीवों एवं प्रकृति के साथ भाईचारे से जुड़ने का स्वभाव है। यह वसुधैब कुटुम्बकम का सबसे सुंदर उदाहरण है। उन्होंने मध्य प्रदेश की धरती पर चीता परियोजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चीता पर्यटन से कूनो राष्ट्रीय उद्यान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्राम अहेरा में ग्रामीण महिलायों से संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि हम अपनी बहनों का पूरा ध्यान रखेंगे। मुख्यमंत्री का स्नेह पाकर बहनों ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में श्योपुर जिले प्रभारी और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, वन राज्यमंत्री दिलीप सिंह अहिरवार, पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत, सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तुरसनपाल बरिया, उपाध्यक्ष सीताराम आदिवासी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, चंबल कमिश्नर सुरेश कुमार, श्योपुर कलेक्टर अर्पित वर्मा, शिवपुरी कलेक्टर रवीन्द्र चौधरी, जनप्रतिनिधि सहित वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
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