मप्र के भोपाल में आठवाँ हृदय दृश्‍यम 5 दिसम्‍बर से, राष्‍ट्रीय-अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के कलाकारों की होंगी संगीत सभाएं

ऐतिहासिक पृष्‍ठभूमि पर सुरीले राग की अनुगूँज हृदय को करेगी झंकृतभोपाल : मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में संगीत समागम ‘हृदय दृश्‍यम’ के आठवें संस्‍करण का आयोजन 5 से 7 दिसम्‍बर तक तीन स्‍थानों पर किया जा रहा है। रविन्द्र भवन में 5, 6 दिसंबर को जगदीशपुर में और भारत भवन में 7 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के कलाकारों की संगीत सभाएं होंगी।

 

प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने गुरुवार को बताया कि ‘ह्रदय दृश्‍यम’ मध्‍य प्रदेश की दूरदर्शी सांस्कृतिक संवेदना का ऐसा उदाहरण है, जो प्रदेश की कलात्मकता को नए आयाम देता है। इस संगीत समारोह के माध्‍यम से एक ओर समृद्ध सांस्‍कृतिक संसार की छवि सुरों के माध्‍यम से उकेरी जाती है, दूसरी ओर मध्‍य प्रदेश की प्राचीन धरोहरों को बढ़ावा दिया जाता है।

 

उन्होंने बताया कि इस वर्ष रवीन्‍द्र भवन एवं भारत भवन के साथ ही विशेष रूप से भोपाल से निकट प्राचीन जगदीशपुर स्थित सौंदर्यपूर्ण चमन महल में भी संगीत सभाएँ आयोजित की जा रही हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री द्वारा विरासत से विकास की पहल की गई है, इसी अनुक्रम में जगदीशपुर को इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए चुना गया है। ‘ह्रदय दृश्यम’ ताल, स्वर, रंग और परम्‍परा के संगम से हृदय को स्पंदित करती है और भोपाल की झीलों, पहाड़ियों और ऐतिहासिक स्थलों के बीच एक आध्यात्मिक-संगीतमय वातावरण रचती है।

 

मंत्री लोधी ने बताया कि संस्‍कृति विभाग की परम्‍परा सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों के माध्‍यम से नई पीढ़ी को भी प्रेरित करने की रही है। (ओमेगा रैंक) के सीएसआर फंड के सहयोग से आयोजित ‘हृदय दृश्‍यम’ के आठवें संस्‍करण में ध्‍यान रखा गया है कि युवा श्रोता वर्ग भी इस कार्यक्रम से जुड़े और अपनी परम्‍पराओं और विरासत के बारे में जाने। इसके लिए ऐसे कलाकारों को आमंत्रित किया गया है जो सभी वर्गों के साथ युवाओं के बीच भी लोकप्रिय हैं।

 

तीन दिवसीय विविधतापूर्ण सांगीतिक उत्सवसंस्कृति एवं पर्यटन विभाग के अपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि ‘हृदय दृश्यम’ 2025 की शुरुआत 5 दिसंबर को भोपाल के प्रतिष्ठित रवीन्द्र भवन में होगी। उद्घाटन शाम 5 बजे होगा, जिसके बाद लगातार तीन घंटे संगीत प्रस्तुतियाँ दर्शकों को भारतीय संगीत की विविध विधाओं से परिचित कराएँगी। सबसे पहले मंच सजाएंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात बांसुरी वादक पं. राकेश चौरसिया, अपअने सुरों के माध्यम से श्रोताओं को एक अलौकिक संगीत-यात्रा पर ले जाएंगे। इसके बाद सेनिया बंगश घराने के सुप्रसिद्ध कलाकार अमान और अयान अली बंगश सरोद जुगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। पहले दिन की अंतिम प्रस्तुति सुप्रसिद्ध गायिका मधुवंती बागची के सुगम संगीत की रहेगी।

 

जगदीशपुर का ऐतिहासिक चमन महल- संगीत और इतिहास का संगमउन्होंने बताया कि भोपाल एवं इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में अनेक ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं, जो अपने उत्कृष्ट स्थापत्य, अद्वितीय वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं। ‘हृदय दृश्‍यम’ का प्रारंभ से उद्देश्‍य रहा है कि संगीत, संस्‍कृति के साथ ही मध्‍य प्रदेश के ऐतिहासिक स्‍थलों को भी प्रचारित कर बढ़ावा दिया जाये। पूर्व में इकबाल मैदान, गौहर महल, माण्‍डू, राजबाड़ा इंदौर इत्‍यादि ऐतिहासिक स्‍थलों पर ह्रदय दृश्‍यम की संगीत सभाऐं सज चुकी हैं। जगदीशपुर स्थित चमन महल में समारोह के दूसरे दिन 6 दिसंबर को संगीत सभाऐं सजाई जाएंगी। वर्ष 1715 में निर्मित चमन महल अपनी अनोखी वास्तुकला, मुगल और अफगानी शैली के मिश्रण, ऊँचे मेहराबों, पत्थर के बरामदों और विशाल बागों के लिए जाना जाता है। जब प्राचीन वास्तुकला में संगीत की धुनें गूंजेंगी, तो अनुभव और भी दिव्य हो उठेगा। सायं 5:30 बजे पूर्वरंग के बाद विख्यात सितार वादक रवि चारी सितार वादन की प्रस्तुति देंगे। रवि चारी अपने सूक्ष्म तानों, नफीस अलंकरणों और रचनात्मक तानों के लिए जाने जाते हैं। आधुनिकता और परंपरा की संतुलित शैली उन्हें युवा श्रोताओं में भी लोकप्रिय बनाती है। रात्रि 8:15 से पं. आदित्य कल्याणपुरकर का तबला वादन की प्रस्तुति देंगे।

 

मध्‍य प्रदेश के व्‍यंजन एवं कला का भी आनन्‍दअपर मुख्य सचिव शुक्ला ने बताया कि चमन महल में आयोजित पारंपरिक व्यंजन एवं आर्ट एण्‍ड क्राफ्ट मेला विशेष आकर्षण का केन्‍द्र होगा। यहां संगीतप्रेमियों को स्‍वर लहरियों के साथ मध्‍य प्रदेश के उन व्‍यंजनों का स्‍वाद चखने का अवसर मिलेगा, जो देश ही नहीं दुनिया भर में लो‍कप्रिय हैं। विभिन्न अंचलों- मालवा, बुंदेलखंड, निमाड़ और बघेलखंड के साथ ही जनजातीय व्‍यंजन एवं स्थानीय पकवान यहाँ उपलब्ध होंगे। साथ ही मध्‍य प्रदेश के कलाकारों की हस्‍तशिल्‍प कला भी यहां प्रदर्शन सह विक्रय हेतु उपलब्‍ध रहेगी। यह आयोजन संगीत, कला और स्वाद के माध्यम से सांस्कृतिक अनुभव को पूर्ण बनाएंगे।

 

उन्होंने बताया कि समारोह के अंतिम दिन 7 दिसंबर, 2025 को, भारत भवन में संगीत सभाएँ होंगी। सायं 6:30 बजे से नाद ब्रह्मा द्वारा फ्यूजन बैण्ड प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत होगी। फ्यूजन संगीत आज की पीढ़ी में अत्यंत लोकप्रिय शैली है, जिसमें भारतीय शास्त्रीय, लोक और आधुनिक पश्चिमी धुनों का संगम होता है। इसके बाद रात्रि 8:30 बजे सुप्रसिद्ध ताल वाद्य कलाकार सेल्वगणेश की प्रस्तुति देंगे।

 

सांस्कृतिक निरंतरता और ऐतिहासिक यात्रा ‘हृदय दृश्यम’ का प्रारंभ वर्ष 2016 से हुआ था। संगीत की उत्‍कृष्‍ट सभाओं का इस मंच के माध्‍यम से श्रोताओं ने रसास्‍वादन किया है। पिछले आठ वर्षों में अपने मंच पर पद्मश्री भारती बंधु, विजय घाटे, हरिहरन, नीलाद्री कुमार, हिदायत हुसैन खान, पं. राहुल शर्मा और अनेक अन्य सुविख्‍यात कलाकारों की प्रस्तुतियाँ संगीतप्रेमियों तक पहुंचाई गई हैं। इंदौर, माण्डू, बटेश्वर आदि पर्यटन स्थलों पर इसके आयोजन ने संगीत, पर्यटन एवं प्राचीन धरोहरों को एक-दूसरे से जोड़ा है। इस उत्सव ने शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, सूफी, फ्यूजन, वादन और गायन को समान सम्मान दिया है। हर वर्ष यह आयोजन केवल संगीत प्रेमियों, बल्कि पर्यटकों, विद्यार्थियों और सांस्कृतिक शोधकर्ताओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है।

 

एक सम्‍पूर्ण सांस्कृतिक अनुभवहृदय दृश्यम- 2025 संगीत, संस्कृति और परंपरा का वह अनोखा उत्सव है, जिसमें सुरों के साथ इतिहास, कला और प्रकृति का ताना-बाना बुना हुआ है। रवीन्द्र भवन की शहरी गरिमा, चमन महल की ऐतिहासिक शांति और भारत भवन की कलात्मक विविधता- इन तीनों स्थलों की विशेषता इस आयोजन को और भी भव्य बनाती है।

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