मप्र में निर्वाचक नामावली का प्रारूप प्रकाशन, मतदाता सूची से 42.74 लाख नाम हटाए गए

भोपाल : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचक नामावली विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जारी कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को मध्य प्रदेश के सभी 230 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 65,014 मतदान केंद्रों पर निर्वाचक नामावली का प्रारुप प्रकाशन किया जाएगा। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रारूप के अनुसार, मध्य प्रदेश में 42.74 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। इसके अलावा 8.40 लाख नाम ऐसे हैं, जिनकी मैपिंग नहीं हुई है। जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, उनमें 19.19 लाख पुरुष और 23.64 लाख महिलाएं शामिल हैं।

 

मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 4 नवंबर से शुरू हुई एसआईआर की प्रक्रिया में राज्य के सभी 55 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, 230 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, 532 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों तथा 65,014 मतदान केंद्रों पर तैनात बूथ लेवल अधिकारियों के समन्वित एवं सतत प्रयासों का परिणाम है। साथ ही सभी छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, जिनमें उनके जिलाध्यक्ष भी सम्मिलित थे, उनकी सक्रिय सहभागिता की गई तथा उनके द्वारा 1,35,882 बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए गए।

 

निर्वाचक नामावली की प्रारूप सूची का प्रकाशन मंगलवार को किया गया है। जारी प्रारूप सूची के अनुसार, मध्य प्रदेश के आठ लाख 65 हजार 832 मतदाता ऐसे हैं, जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था, लेकिन 2025 की एसआईआर सूची में उनका नाम नहीं आया है। ऐसे मतदाताओं को बुधवार से कलेक्टरों द्वारा नोटिस जारी कराए जाएंगे और सात दिन का समय देकर उनसे चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जाएगा। अगर संबंधित मतदाता दस्तावेज उपलब्ध करा देता है तो उसका नाम 21 फरवरी को जारी होने वाली अंतिम मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाएगा। एसआईआर 2025 में 42 लाख 74 हजार ऐसे मतदाता मिले हैं, जिनके नाम अन मैपिंग, शिफ्टेड, मल्टीपल एंट्री और डेड वोटर के रूप में एंट्री पाए गए हैं।

 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने बताया कि 5 करोड़ 74 लाख 6143 मतदाता पहले थे, जो एसआईआर के प्रारूप प्रकाशन के बाद 5 करोड़ 31 लाख 31983 रह गए हैं। आगे की कार्रवाई के लिए 725 एआरओ की नियुक्ति अलग से की गई है। जो नोटिस की कार्रवाई पूरी करेंगे। उन मतदाताओं को एक मौका दिया जाएगा, जिनका नाम सूची से काटने की स्थिति बनी है। ऐसे मतदाताओं से चुनाव आयोग द्वारा तय दस्तावेज मांगे जाएंगे और सारी जानकारी सही पाए जाने पर उनके नाम दोबारा मतदाता सूची में जोड़े जा सकेंगे, लेकिन अगर दस्तावेज सही नहीं मिले तो ऐसे मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए जाएंगे।

 

निर्वाचक नामावली का प्रारूप प्रकाशन के बाद से एक महीने यानी 22 जनवरी 2026 तक की अवधि में दावे-आपत्तियाँ प्राप्त किए जाएंगे एवं 14 फरवरी 2026 तक दावे आपत्तियों का निराकरण एवं इम्युरेशन फार्म पर निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद 21 फरवरी 2026 को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उक्त कार्यवाही के साथ-साथ 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नवीन मतदाताओं से फार्म 6 एवं मतदाता सूची में से नाम कटवाने हेतु फार्म 7 तथा संशोधन/शिफ्टिंग हेतु फार्म 8 की कार्यवाही भी की जाएगी। मतदाता उक्तानुसार फार्म बी.एल.ओ. के माध्यम से अथवा ऑनलाइन एन.व्ही.एस.पी. पोर्टल/वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से जमा कर सकते हैं। मतदाता द्वारा फार्म 6 एवं फार्म 8 भरे जाने के साथ आयोग द्वारा निर्धारित घोषणा पत्र अनुलग्नक 4 की प्रति जमा की जाना आवश्यक होगी। मतदाताओं द्वारा ऑफलाइन (मतदान केन्द्र पर बी.एल.ओ. के पास निर्धारित फार्म जमा करके), रजिस्ट्रीकरण/सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय में निर्धारित फार्म जमा करके), ऑनलाइन (व्ही.एच.एप पर स्वयं के मोबाइल से रजिस्ट्रेशन के माध्यम से, बी.एल.ओ. के पास उपलब्ध मोबाइल एप के माध्यम से) दावे-आपत्ति सम्मिलित किये जा सकते हैं।—-

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