लखनऊ/ बाराबंकी : वीर बाल दिवस के मौके पर शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मु ने देशभर के 20 बच्चाें काे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से पुरस्कृत किया। इनमें दो बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें बाराबंकी जिले की पूजा पाल काे विज्ञान में नवाचार करने और आगरा निवासी 9 साल के अजय राज काे साहस के लिए पुरस्कृत किया गया है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देश का सर्वोच्च बाल सम्मान है, जो उन बच्चों को दिया जाता है जिन्होंने शिक्षा, खेल, कला, संस्कृति, विज्ञान, समाज सेवा अथवा नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देते हैं।
बाराबंकी की पूजा पाल ने बनाया धूल रहित थ्रेशर
उत्तर प्रदेश के जनपद बाराबंकी की प्रतिभाशाली बेटी पूजा पाल को धूल रहित थ्रेशर के अभिनव प्रयास के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूजा पाल के विकसित धूल रहित थ्रेशर किसानों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ कृषि कार्य को अधिक सुरक्षित एवं पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण नवाचार है। यह यंत्र थ्रेशिंग के दौरान उड़ने वाली धूल को नियंत्रित कर श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक है। पूजा पाल इससे पूर्व भी अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का परिचय दे चुकी हैं। इंस्पायर अवार्ड के अंतर्गत चयनित होकर वे जापान की शैक्षणिक एवं वैज्ञानिक यात्रा कर चुकी हैं, जहां पूजा ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और अपने नवाचार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया।
छात्रा पूजा की उपलब्धि पर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि पूजा पाल जनपद बाराबंकी का गौरव हैं। उसके निर्मित धूल रहित थ्रेशर न केवल नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह किसानों के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है। कम उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया है कि जनपद की प्रतिभाएं किसी से कम नहीं हैं।
आगरा के अजय राज ने मगरमच्छ से बचाई थी पिता की जानप्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार वाने वाला 9 वर्षीय बाल वीर अजय राज उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का रहने वाला है। जिले की तहसील बाह से 12 किलोमीटर दूर चंबल नदी किनारे अजय के पिता वीरभान सिंह निषाद पशु चराने के दौरान पानी लेने नदी किनारे गए थे, तभी एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया था। 9 साल के बालक बाल वीर अजय राज ने इस संकट के समय धैर्य और बिना डरे बहादुरी से काम लिया और हमलावर मगरमच्छ पर लकड़ी से प्रहार कर उसे भगा दिया था। अजय के साहस से उसके पिता वीरभान सिंह की जान बच गई थी। इस बहादुरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार काे अजय राज काे मेडल पहनाकर और प्रमाणपत्र देकर बाल पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
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