नई दिल्ली : उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के छात्र ऐंजल चकमा की हत्या को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा में विफल होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि उत्तर-पूर्व के लोग भी भारतीय हैं, चीन से नहीं आए हैं। इस मामले में फरार मुख्य आरोपित को तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पार्टी मुख्यालय में सोमवार को पत्रकार वार्ता में हिन्दुस्थान समाचार के एक सवाल पर अपने कॉलेज के दिनों का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में आगरा यात्रा के दौरान एक गार्ड ने उन्हें चीनी कहकर पासपोर्ट दिखाने को कहा था। उन्होंने कहा कि वह भी इसी तरह के नस्लीय पूर्वाग्रह का सामना कर चुके हैं।
गोगोई ने कहा कि ऐंजल चकमा पर हमले से जुड़ी जानकारियां बेहद चिंताजनक हैं। परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में तत्परता नहीं दिखाई। एफआईआर दर्ज करने में करीब 12 दिन लग गए। छात्रों के प्रदर्शन के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई। मामले में 4 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन मुख्य आरोपित फरार है।
उन्होंने कहा कि 9 दिसंबर को 24 वर्षीय ऐंजल चकमा अपने भाई के साथ बाजार से लौट रहे थे। कुछ लोगों ने उन्हें चीनी कहकर छेड़ा। ऐंजल ने जवाब दिया कि मैं भारतीय हूं, चीनी नहीं। इसी पर 5 लोगों ने पीछे से वार कर उन पर धारदार हथियार से हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। देहरादून के एक निजी अस्पताल में भर्ती ऐंजल चकमा ने 23 दिसंबर को दम तोड़ दिया। गोगोई ने मांग की कि फरार मुख्य आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और पूर्वाग्रह आधारित हिंसा के मामलों में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो।
चकमा समुदाय त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और असम सहित पूर्वोत्तर का जनजातीय एवं अल्पसंख्यक समुदाय है। ऐंजल उच्च शिक्षा के लिए देहरादून में रह रहे थे। उनकी हत्या के बाद परिवार और छात्रों ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने में 12 दिन की देरी का आरोप लगाया, जो प्रदर्शन के बाद ही दर्ज हुई। मामले में 4 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई, जबकि मुख्य आरोपित अब भी फरार है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal