पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सुविधा ने मप्र में कई अनमोल जिंदगियां बचाईं

भोपाल : वर्ष 2025 मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। इस वर्ष 25 अप्रैल को प्रदेश में पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सुविधा की शुरुआत हुई, जिसने आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में एक नया युग खोल दिया। यह सेवा उन अनगिनत जीवनों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है, जिन्हें समय पर उन्नत इलाज न मिलने के कारण गंभीर जोखिम था।

 

दरअसल, इस सुविधा के महत्व को सबसे स्पष्ट रूप से दमोह जिले में देख जा सकता है। इसी माह दिसम्‍बर के पहले सप्‍ताह में हेलीपैड पर पहली बार पीएम श्री एयर एम्बुलेंस का हेलीकॉप्टर उतरा। जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हटा विधानसभा के लुहार गांव निवासी 24 वर्षीय गर्भवती महिला सपना लोधी को गंभीर स्थिति में भोपाल एम्स के लिए एयरलिफ्ट किया गया।

 

महिला के गर्भ में छह माह का शिशु मृत पाया गया था और उसकी हालत गंभीर थी। जिला अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखी गई महिला के शरीर में केवल 6 यूनिट खून बचा था, बार-बार बीपी बढ़ रहा था और वह बेहोश हो रही थी। किडनी से जुड़ी रिपोर्ट तुरंत भोपाल भेजी गई। स्थिति गंभीर होने पर जिला प्रशासन ने पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा के तहत तत्काल एयरलिफ्ट का निर्णय लिया। महिला को सुरक्षित जिला अस्पताल से हेलीपैड तक लाया गया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, एसपी तथा कलेक्टर की मौजूदगी में भोपाल एम्स के लिए रवाना किया गया। वहां डॉक्टर विजय पथोरिया और अन्य चिकित्सक टीम द्वारा उसका इलाज किया गया।

 

सिर्फ वयस्क मरीज ही नहीं, बल्कि नवजात शिशुओं के लिए भी यह सेवा जीवनरक्षक साबित हो रही है। एक नवजात शिशु, जिसे जन्म के तुरंत बाद गंभीर श्वसन समस्या थी, एयर एम्बुलेंस के माध्यम से भोपाल के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंचाया गया। त्वरित कार्रवाई और अनुभवी मेडिकल टीम ने बच्चे की जान बचाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसकी सफलता पर ट्वीट कर चुके हैं।

 

इसी कड़ी में भोपाल की रहने वाली सात वर्षीय बालिका को लीवर की गंभीर बीमारी के उपचार के लिए भोपाल से गुड़गांव एयरलिफ्ट कर भर्ती करवाया गया। मरीज के आयुष्मान कार्ड धारक होने के कारण यह सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई। बच्ची को पेट दर्द, त्वचा का पीला पड़ना और मल में खून आने की समस्या थी। इसके इलाज के लिए परिजनों ने 19 मई को भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था। प्राथमिक जांच में एक्यूट हेपिटाइटिस विथ इंपैंडिंग फैलियर पाया गया। 23 मई को सुबह 8.20 पर पीएम श्री एयर एम्बुलेंस की मदद से मरीज को इलाज के लिए गुड़गांव के निजी अस्पताल की पीडियाट्रिक लिवर यूनिट में रेफर किया गया।

 

आपातकालीन चिकित्सा में बड़ी छलांग

 

पीएम श्री एयर एम्बुलेंस का उद्देश्य गंभीर रूप से घायल, हृदयाघात, स्ट्रोक, जटिल प्रसव और नवजात शिशुओं जैसे आपात मामलों में कम से कम समय में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तक मरीज पहुंचाना है। पहले सड़क मार्ग से अस्पताल तक पहुंचने में 4-6 घंटे या अधिक लगते थे, अब एयर एम्बुलेंस के माध्यम से यह समय 30-60 मिनट अधिकतम है । चिकित्‍सक डॉ. विनीत कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि “गोल्डन आवर” में इलाज मिलने से मरीजों की जीवन-रक्षा की संभावना 30-40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।” यह सुविधा विशेषकर दूरस्थ, जनजाति और दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।

 

उल्‍लेखनीय है कि सेवा शुरू होने के शुरुआती महीनों में इसका लाभ भोपाल, इंदौर, बैतूल, जबलपुर, ग्वालियर, शहडोल, मंडला, डिंडौरी, उमरिया, सिंगरौली, बालाघाट, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में दिखा। गंभीर दुर्घटनाओं, जटिल गर्भावस्था और नवजात शिशुओं के मामलों में एयर एम्बुलेंस ने समय पर जीवनरक्षक सहायता प्रदान की। स्वास्थ्य विभाग के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, इन महीनों में दर्जनों मरीजों की जान बचाई जा चुकी है, और आने वाले समय में सेवा के विस्तार से लाभान्वित मरीजों की संख्या और बढ़ेगी।

 

जागरूकता और अंतर-विभागीय समन्वय

 

मध्य प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया कि सेवा की सफलता सिर्फ तकनीक पर निर्भर नहीं है, इसके लिए संगठित संचालन और अंतर-विभागीय समन्वय आवश्‍यक है। इसलिए ही इस संबंध में जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन इकाइयों के बीच तालमेल को मजबूत किया गया है। कंट्रोल रूम, रेफरल प्रोटोकॉल और त्वरित निर्णय प्रणाली को सक्रिय किया गया है। डॉक्टरों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया ताकि कोई भी मरीज समय पर इलाज से वंचित न रहे।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का का इसे लेकर कहना है कि “यह सुविधा मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा संदेश भी देती है। हमारा लक्ष्य है कि हर जिले में प्रभावी समन्वय और जागरूकता के माध्यम से हर जरूरतमंद तक यह सेवा पहुंचे। यह सुविधा साबित कर रही है कि समय पर इलाज ही जीवन है।” उन्‍होंने यह भी कहा है कि इस सेवा के शुरू होने से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों में विश्वास बढ़ा है कि गंभीर स्वास्थ्य संकट की स्थिति में उन्हें तुरंत और योग्य इलाज मिलेगा। इससे न केवल मृत्यु दर में कमी आएगी, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पर भरोसा भी मजबूत होगा।

 

इस संबंध में वरिष्‍ठ पत्रकार रमेश शर्मा कहते हैं कि जैसे-जैसे नेटवर्क विस्तारित होगा, इसका लाभ लाखों मरीजों तक पहुंचेगा। गंभीर दुर्घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं और सामूहिक हादसों में यह सेवा जीवनरक्षक साबित होगी। इसके लिए निश्‍चित तौर पर मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव को धन्‍यवाद दिया जाना चाहिए कि उन्‍होंने इस हवाई स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के माध्‍यम प्रदेश के गरीबों की सुध ली है।

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