बता दें कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि को लेकर सरकार की ओर से जारी डेटा में यह बात कही गई है. देश में ब्लैक मनी के फ्लो को काबू करने और अवैध एवं बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने के इरादे से कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने 2.26 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया था. बताया जाता है इन सभी फर्म्स की कोई बिजनस ऐक्टिविटी नहीं थी. 
जानकारी के अनुसार इनमें से ज्यादातर कंपनियों पर अवैध रूप से फंड जुटाने और पैसों की हेराफेरी करने जैसे बड़े इल्जाम शामिल है. मंत्रालय की ओर से जुटाए गए डेटा के मुताबिक जिन 2.26 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया था, उनमें से 1.68 फर्म्स के खाते में कही से नोटबंदी के बाद पैसे जमा किये गए थे. एक दस्तावेज में मंत्रालय ने अपने कहा, ‘जिस कंपनियों ने कैश जमा कराया था उनमें से 73,000 ने अपने खातों में 24,000 करोड़ रुपये जमा कराए. अलग-अलग बैंकों से इन कंपनियों की पूरी जानकारी इकठी की जा रही है.’
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