अध्यादेश लाकर प्रशस्त हो सकता है मंदिर निर्माण का मार्ग
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रयागराज कुंभ में कैबिनेट की बैठक होगी। उत्तराखंड बनने के बाद राजधानी लखनऊ के बाहर कैबिनेट की यह पहली बैठक बताई जा रही है। इसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा के साथ ही सभी कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी अपनी कैबिनेट के साथ संगम स्नान भी कर सकते हैं। बैठक सुबह 11 बजे प्रारंभ होगी। पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री के शहर से बाहर होने की वजह से कैबिनेट का एजेंडा अभी फाइनल नहीं हो पाया है। अधिकारियों का कहना है कि किसी विशेष एजेंडे को लेकर अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है। ऐसे में संभावना यही है कि रूटीन के लंबित मामलों के साथ सरकार अपने सांस्कृतिक व सरोकारों से जुड़े एजेंडे पर केंद्रित कुछ नीतिगत फैसले व एलान कर सकती है। जानकार बताते हैं कि विश्व हिंदू परिषद की 31 जनवरी व एक फरवरी को होने वाली धर्म संसद के पहले प्रयागराज कुंभ में ही योगी कैबिनेट की बैठक का महत्व बढ़ गया है। विहिप वहां धर्म संसद में मंदिर निर्माण की अगली रणनीति का एलान करेगी।
सत्ता के गलियारों में चर्चा तेजी से बढ़ी है कि सरकार धर्म संसद के पहले प्रयागराज कैबिनेट में ही राम मंदिर निर्माण के संबंध में कोई बड़ा एलान कर सकती है। कोर्ट का फैसला पक्ष में न आने पर अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने का एलान तक संभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 25 नवंबर को अयोध्या में विहिप की धर्मसभा की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी वहां दुनिया की विशालतम भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करने का एलान कर चुके हैं। संगम तट से इस तरह का संकल्प व्यक्त कर सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को एक दिशा देने का काम कर सकती है। हालांकि आधिकारिक रूप से इस संबंध में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। केंद्र की मोदी सरकार पर हिंदू संगठनों का राम मंदिर निर्माण को लेकर जबर्दस्त दबाव बना हुआ है।
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